शर्मसार हुआ सदन, शशि भूषण मेहता इरफान अंसारी को मारने दौड़े, जानें क्या हुआ विधान सभा में

रांची 3 अगस्त झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र जारी है। गुरुवार को फिर सदन शर्मसार हुई। दरअसल, इरफान अंसारी द्वारा बुधवार को आदिवासियों पर की गई एक टिप्पणी को लेकर बीजेपी और कांग्रेस विधायकों में भिड़ंत हो गई। इस दौरान जामताड़ा कांग्रेसी विधायक इरफान अंसारी और पांकी के बीजेपी विधायक शशिभूषण मेहता आपस में भिड़ गए। दोनों के बीच तू-तू-मैं-मैं हुई। हालात ऐसे बने कि दोनों विधायकों के बीच मारपीट की नौबत आ गई। बता दें कि यह दूसरी बार है जबकि विधानसभा में विधायक मारपीट पर उतारू हो गए। बुधवार को झामुमो विधायक सुदिव्य सोनू और बीजेपी विधायक ढुलू महतो भिड़ गए थे। सदन में विधायकों की ऐसी हरकत से स्पीकर रबींद्रनाथ महतो काफी नाराज हुए।
इरफान अंसारी से भिड़े शशिभूषण मेहता
दरअसल, मानसून सत्र में गुरुवार को चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक शशिभूषण मेहता ने कहा कि इरफान अंसारी आदिवासियों पर की गई अपनी टिप्पणी के लिए सदन में कान पकडक़र माफी मांगें वरना उनकी ऐसी-तैसी कर देंगे। इस पर इरफान अंसारी भडक़ गए। बीजेपी विधायक इरफान अंसारी से माफी की मांग पर अड़े थे। वहीं इरफान अंसारी ने कहा कि मैं आदिवासी समाज का सबसे बड़ा हितैषी हूं।
मैंने जो कहा उसे स्पंज किया जा चुका है। उन्होंने खेद भी प्रकट किया लेकिन बीजेपी विधायक नारेबाजी करते रहे। बाद में दोनों ही ओर से नारेबाजी हुई जिससे स्पीकर नाराज हो गए। उन्होंने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
दूसरी ओर सदन में विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाकर सत्तापक्ष के विधायक वेल में पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। बीजेपी विधायकों ने भी जवाब में नारेबाजी की।
इरफान अंसारी के बयान से गरमाई सियासत
गौरतलब है कि इरफान अंसारी द्वारा बुधवार को सदन में आदिवासियों पर की गई टिप्पणी से सियासत गरमा गई है। उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के एक ट्वीट का जवाब देते हुए कहा था कि ‘आदिवासी कब से इतना तेज हो गया’। उनके इस बयान को स्पंज कर दिया गया लेकिन बीजेपी ने जमकर विरोध किया। बीजेपी के केंद्रीय नेताओं ने भी इसकी आलोचना की। संबित पात्रा और अमित मालवीय ने ट्वीट ने कांग्रेस को आदिवासी विरोधी कहा। झारखंड में बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास और दीपक प्रकाश सरीखे नेताओं ने भी टिप्पणी की।
बुधवार की तो दो विधायक कल आपस में ही भिड़ गए. दरअसल, सदन में बीजेपी विधायक ढुल्लू महतो और झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू आपस भिड़ गए और दोनों एक दूसरे को ललकारने लगे.बता दें कि, इस कहासुनी में मारपीट तक की नौबत आ गई थी. इसके बाद अन्य विधायकों ने बीच बचाव कर स्थिति को नार्मल किया. वहीं ग्रामीण विकास सह पंचायती राज्य मंत्री ने इसकी घोर निंदा की.
उन्होंने कहा कि, सदन के अंदर माननीय जनप्रतिनिधियों का ऐसा व्यवहार कही से भी शोभनीय नही है. हम इसकी पूरी तरह से निंदा करते हैं. सदन के अंदर ऐसी घटना होने पर खुद विधानसभा अध्यक्ष रविन्द्रनाथ महतो बीच-बचाव करते दिखे. जिसके बाद स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही को 20 मिनट के लिए स्थगित कर दिया.

संसदीय कार्य मंत्री ने भी इरफान मामले पर जताया खेद, मांगी माफी
रांची 3 अगस्त दोपहर 12 बजे जब सदन शुरू हुआ तो भाजपा विधायकों के शोर शराबे के बीच स्पीकर ने सदन की कार्रवाई दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी. मुश्किल से 10 मिनट से अधिक समय तक चली सदन की कार्यवाही में संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने आदिवासी समाज को विधायक इरफान अंसारी द्वारा स्मार्ट बोले जाने के प्रकरण पर क्षमा मांग ली. साथ ही कहा कि सदन में विपक्ष जो आचरण दिखा रहा है, उसकी भी जांच हो. इस दौरान प्रदीप यादव ने भी भाजपा विधायक शशिभूषण मेहता के आचरण को लेकर सवाल उठाया. कहा कि बांहें उठाकर वे ऐसा दिखा रहे हैं जैसे वे किसी अखाड़े में हों. उनकी हरकत के लिए भाजपा के सचेतक को भी माफी मांगनी चाहिए.भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने इस दौरान कहा कि कल सदन में जो कहा, उससे पूरे देश का एक समुदाय आहत हुआ है. राष्ट्रपति जैसे शीर्ष पद पर आदिवासी महिला पहुंच चुकी है. बावजूद इसके इरफान ने आदिवासी समाज को जलालत भरे शब्दों में आहत किया है. स्पीकर ने इस बात को खत्म करने की अपील की. पर भाजपा विधायक इसे अनसूना करते रहे. इसी क्रम में आलमगीर आलम ने आक्रोश जताते कहा कि मध्य प्रदेश में आदिवासी युवक के साथ जो हुआ, मणिपुर की जो घटना हुई, उस पर भी भाजपा जवाब दे. मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी भाजपा पर आरोप लगाते कहा कि इरफान अंसारी और आलमगीर आलम ने माफी मांग ली फिर भी इस पर राजनीतिक रोटी सेंकी जा रही है. इसके बाद स्पीकर ने शून्यकाल की सूचनाएं लेनी शुरू की. विधायक अंबा प्रसाद ने उर्दू शिक्षकों की बहाली का
मसला उठाया. कहा कि दो दशक से शिक्षकों की बहाली नहीं हो रही है. कई रिटायर हो गये. पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में इनके पदों को घटा दिया गया. सरकार घटाये गये पदों को पूर्व की भांति यथावत करें. नियुक्ति भी करे. इसके बाद शोर शराबे के बीच सदन 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

आदिवासियों को स्मार्ट बोलने के मसले पर इरफान अंसारी ने जताया खेद
: झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र में गुरुवार को भी सदन में गहमागहमी बनी रही. 11 बजे सत्र की शुरूआत के साथ भाजपा विधायक वेल में आकर कांग्रेस इरफान अंसारी द्वारा आदिवासी समाज और बाबूलाल मरांडी पर दिए गये बयान को लेकर विरोध जताते रहे. विधायक शशिभूषण मेहता के आचरण को लेकर स्पीकर बेहद आवेश में नजर आये. यहां तक कि मार्शल को उन्हें सदन से बाहर किए जाने तक को कह दिया. वे बार बार भाजपाई विधायकों से अपनी सीट पर जाने की अपील करते रहे. नाराजगी जताते हुए कहा कि सदन कोई अखाड़ा नहीं है. अगर माननीय सदस्यों ने अपने आचरण को ठीक नहीं रखा तो आसन कड़ा निकलेगा. एक पल को आवेश में स्पीकर भी खड़े हो गये. कहा कि सदन में माननीय सदस्य हाथ उठाकर बात कर रहे जो ठीक नहीं. सदस्य बांह मोडक़र चले जाते हैं. वे आसन को चुनौती दे रहे हैं. उन्हें अपनी जगह पर बैठना चाहिये. गलत आचरण को बर्दाश्त करने की उनकी आदत नहीं है. बार-बार शोरगुल के बीच 11.25 पर स्पीकर ने सदन को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.

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