जमशेदपुर में कोरोना वैक्सिन को लेकर ड्राइ रन में विशेष प्रशिक्षण मिला

 

जमशेदपुर: 2 जनवरी संवाददाता कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारी अंतिम चरण में है। उसे धरातल पर उतारने को लेकर पूर्वी सिंहभूम जिले में शनिवार को ड्राई रन (मॉक ड्रिल) किया गया। सुबह नौ बजे साकची स्थित वैक्सीनेशन सेंटर से परसुडीह स्थित सदर अस्पताल में एक गाड़ी से वैक्सीन पहुंचा।
इस दौरान सदर अस्पताल स्थित डीइआइसी (जिला तत्काल रोकथाम केंद्र) के बाहर गोलाकार बना हुआ था। जिसमें शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए लोग खड़े थे। बारी-बारी से सभी सेंटर के अंदर जा रहे थे। इस दौरान लोगों की पहचान पत्र की
जांच की जा रही थी। इसके बाद उनके मोबाइल पर ओटीपी नंबर जा रहा था। तब उन्हें वैक्सीनेशन सेंटर में इंट्री मिल रही थी। इस दौरान सदर अस्पताल के फार्मासिस्ट आमोद कुमार व हॉस्पिटल मैनेजर निशांत कुमार की तबियत खराब हो गई।
इससे वहां पर बैठे लोग घबड़ा गए। वे भागने लगे। सदर अस्पताल एक्सरे विभाग के टेक्नीशियन रवींद्रनाथ ठाकुर भागकर बाहर निकल पड़े।

लगा रहे थे एक ही रट
दौरान चिकित्सकों की टीम ने उन्हें हरसंभव समझाने का प्रयास क?िया। फिर भी वह नहीं माने। वह बार-बार एक ही रट लगा रहे थे कि मुझे अगर कुछ हो गया तो मेरा घर-परिवार को कौन संभालेगा। उनकी बातों को सुनते हुए जिला सर्विलांस
पदाधिकारी डॉ. साहिर पाल ने उनकी काउसलिंग की। उन्हें बताया गया कि वैक्सीन लेने के बाद आपको कोरोना होने का खतरा लगभग नहीं रहेगा। यह वैक्सीन आपकी पत्नी व बच्चे को भी पड़ेगा। तब जाकर वह राजी हुए और उनको वैक्सीन दिया
गया। वैक्सीनेशन कार्यक्रम सुबह नौ से दोपहर 12 बजे तक चला। कुल 25 लोगों को वैक्सीन दिया गया।
एंबुलेंस से ले जाया गया अस्पताल
डीइआइसी केंद्र पर दो एंबुलेंस तैनात थी। एक कोरोना पॉजिटिव मरीज व दूसरा सामान्य लोगों के लिए। केंद्र पर पहुंचने वाले लोगों के शरीर का तापमान भी मापा जा रहा था। इस दौरान अगर किसी व्यक्ति का तापमान 98 डिग्री से अधिक मिल रहा
था तो उनकी कोरोना जांच करायी जा रही थी। एक व्यक्ति संक्रमित मिला तो उन्हें एंबुलेंस के माध्यम से कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं वैक्सीन लेने के बाद फर्मासिस्टम आमोद कुमार व हॉस्पिटल मैनेजर निशांत कुमार की भी तबियत
बिगड़ गई थी। उन दोनों को भी एंबुलेंस के माध्यम से हॉस्पिटल भेजा गया।
सिविल सर्जन ने संभाल रखी थी कमान
ड्राई रन को सफल बनाने के लिए चिकित्सक व कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया था। इसका कमान सिविल सर्जन डॉ. आरएन झा ने संभाल रखी थी। वहीं, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (एसीएमओ) डॉ. साहिर पॉल पूरे कार्यक्रम की
निगरानी कर रहे थे। वैक्सीन लेने और लेने के बाद लोगों से लगातार संपर्क कर रहे थे। वैक्सीन देने के बाद लोगों को आधे घंटे तक वेटिंग रूम में बैठाया जा रहा था। यहां पर एक नर्स मौजूद थी जो लगातार लोगों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दे
रही थी। सभी लोगों को वैक्सीन का दो डोज दिया जाएगा। दूसरा डोज 28 दिन पर पड़ेगा।
केंद्र से बाहर निकालने में हुई परेशानी
वैक्सीन लेने के बाद जब दो लोगों की तबियत बिगड़ी तो उन्हें स्ट्रेचर पर लादकर बाहर निकाला जा रहा था। इस दौरान केंद्र का मुख्य द्वार छोटा होने के कारण उसे निकालने में काकी परेशानी हुई। ऑक्सीजन पाइप भी निकलकर बाहर आ गया।
वहीं, डीइआइसी केंद्र से बाहर स्ट्रेचर उतारने के लिए भी रैप नहीं बनाया गया था। जिसके कारण स्ट्रेचर को टांग कर बाहर निकालना पड़ा।
सौर उर्जा से लैस है डीइआइसी केंद्र
कोरोना वैक्सीन को लेकर डीइआइसी केंद्र को व्यवस्थित ढंग से तैयार किया गया था। अंदर में वैरीफिकेशन पदाधिकारी से लेकर डॉक्टर, एएनएम सहिया मौजूद थी। सभी को अलग-अलग कार्यों की जिम्मेवारी सौंपी गई थी। डीइआइसी केंद्र में 24 घंटे
बिजली की व्यवस्था की गई है। मैन पावर के अलावे सौर उर्जा से डीइआइसी केंद्र को जोड़ा गया है। ताकि वैक्सीन रखने या फिर लोगों को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
ड्राई रन में सामने आई खामियां जल्द होगी दूर
सिविल सर्जन डॉ. आरएन झा ने ढ़ाई घंटे मौजूद रहकर पूरे ड्राई रन को देखा। इसके बाद सभी पदाधिकारियों की एक मीटिंग बुलाई और जो समस्याएं सामने आई उसे जल्द से जल्द दूर करने का निर्देश दिया। केंद्र से स्ट्रेचर को उतारने के लिए रैप
होना अति आवश्यक है। इसके साथ ही आगे की रणनीति भी तैयार की गई। बैठक में जिला सर्विलांस पदाधिकारी डॉ. साहिर पॉल, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. एके लाल, यूनिसेफ के राजीव कुमार सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
वैक्सीन लेने के लिए मोबाइल पर भेजा जाएगा मैसेज
पूर्वी सिंहभूम जिले में बारी-बारी से सभी लोगों को वैक्सीन दिया जाना है। एक बार में सभी को देना संभव नहीं है। इसे देखते हुए अलग-अलग चरणों में सभी का बांटा गया है। पहले चरण में लगभग 25 हजार लोगों को वैक्सीन दिया जाएगा।
इसमें डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी, पुलिसकर्मी, प्रशासनिक कर्मचारी व मीडियाकर्मी को शामिल किया गया हैं। सभी का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। इसके बाद वैक्सीन लेने के एक दिन पूर्व जैसे ही उनका नंबर आएगा तो उनके मोबाइल पर मैसेज चले
जाएगा। उसमें समय और केंद्र का नाम अंकित रहेगा। ओटीपी नंबर किसी से शेयर नहीं करना है।
नहीं आने वाले लोगों से लगातार किया जा रहा था संपर्क
सडक़ों पर जाम व अन्य कारणों से तीन लोग वैक्सीन लेने देर से पहुंचे। इन लोगों की जब नंबर आई और वह केंद्र पर मौजूद नहीं थे। इसके बाद उन लोगों को फोन कर बुलाया गया और वैक्सीन दिया गया। हर सेंटर को शत फीसद लक्ष्य हासिल
करने का सख्त निर्देश दिया गया है। इसे देखते हुए फोन के माध्यम से अनुपस्थित लोगों से संपर्क साध उनको बुलाया जा रहा था।
इसका रखना होगा ख्याल
– कोविड-19 को लेकर जारी नियमों का पालन केंद्रों पर सख्ती से कराया जाएगा।

– केंद्र पर पहुंचने से पहले हाथ धोना होगा। वहां पर पानी व साबुन की व्यवस्था होगी।

– इसके बाद केंद्र के बाहर बने गोलाकार में खड़ा होना होगा।

– नंबर आते ही उनका नाम बुलाया जाएगा। इस दौरान केंद्र में प्रवेश करने से पूर्व सैनिटाइजर से हाथ धोना होगा। केंद्र के बाहर सैनिटाइजर रखे जाएंगे।

– अंदर जाने के बाद सबसे पहले आपका पहचान पत्र की जांच होगी। इसके बाद वैरीफिकेशन पदाधिकारी जांच करेंगे और इसके बाद आपके मोबाइल पर ओटीपी नंबर जाएगा।

– इसके बाद आपको वेटिंग रूम में बैठना पड़ेगा। नंबर आते ही आपको बुलाया जाएगा। तब आपको वैक्सीन रूम में जाने की इंट्री मिलेगी।

– वैक्सीन रूम में दो एएनएम मौजूद रहेगी। एक नाम, पता की जांच करेगी और दूसरा वैक्सीन लगाएगी।

– वैक्सीन लेने के बाद आधे धंटे तक वेटिंग रूम में बैठना होगा। इस दौरान एक नर्स मौजूद रहेगी, जो लोगों की निगरानी करेगी।

– इस दौरान अगर किसी व्यक्ति की तबियत बिगड़ी तो उसे तत्काल केंद्र में बने डॉक्टर रूम में ले जाएगी। वहां पर ब्लडप्रेशर से लेकर अन्य जांच होगी। उसके बाद जरूरत पड़ी तो हॉस्पिटल रेफर किया जाएगा।

– हर सेंटर पर एंबुलेंस टीम मौजूद रहेगी। वैक्सीन कार्यक्रम से जुड़े सभी कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

 

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