मुंबई स्थित होटल ताज (TAJ Hotel) की चर्चा पूरी दुनिया में हैं। इसका एंटीक डिजाइन देखने वालों को अपना फैन बना लेता है। सामने समंदर और गेट वे ऑफ इंडिया का नजारा देखते ही इंसान की आत्मा तृप्त हो जाती है। हर किसी शख्स के मन में कभी ना कभी यह ख्याल तो जरूर आता है कि उस्ताद लाइफ में एक बार मुंबई के होटल ताज (TAJ Hotel) जरूर जाना है।आज हम आपको इस होटल के खुलने की कहानी बताने वाले हैं।
जमशेदजी टाटा ने किया था शुरू
इस होटल की शुरुआत को लेकर कई किस्से हैं। जमशेदजी टाटा ने इस होटल की नींव इसलिए रखी थी क्योंकि एक बार उन्हें सबसे भव्य होटलों में प्रवेश से मना कर दिया गया था। यह ब्रिटिश राज के दौरान की बात है। उन्हें यह कहा गया था कि यहां केवल ब्रिटिश ही आ सकते हैं। यानी सिर्फ अंग्रेजों की ही एंट्री होती है। विकीपीडिया पर जांच करने के दौरान हमें पता चला कि उस होटल का नाम वॉटसन होटल था। जोकि मुंबई के काला घोड़ा इलाके में है।
अपमान का बदला लेने का फैसला किया
जमशेदजी टाटा ने इसे पूरे भारतीयों का अपमान समझा। इसके बाद उन्होंने भी फैसला किया कि वह एक ऐसा होटल बनाएंगे, जहां ना केवल भारतीय बल्कि विदेशी भी बिना किसी प्रतिबंध के जा सकें। बस इसके बाद ही उन्होंने लग्जरी होटल ताज की नींव रखी। 16 दिसंबर 1903 को यह होटल आमलोगों के लिए खोला गया था।
एक कहानी और भी है
वहीं एक किस्सा और सामने आता है, जिसमें कहा जाता है कि जमशेदजी टाटा का एक जिगरी दोस्त ने उन्हें एक बार कहा था कि मुंबई में ठहरने के लिए अच्छे होटल्स नहीं हैं। इसके बाद उनके मन में यह बात घर कर गई कि उन्हें वहां एक होटल खोलना है और अपने शहर मुंबई को बेहतर बनाना है।
खुद ही किया था सामान इकट्ठा
यह भी कहा जाता है कि जमशेदजी टाटा इस होटल से इतना प्यार करते थे कि वो खुद देश-विदेश घूमकर होटल के इंटीरियर डिजाइन के लिए सामान इकट्ठा कर रहे थे। वो लंदन, पेरिस, बर्लिन जाते और डेकोरेशन के लिए जो भी पीस पसंद आता उसे ले आते।
लोगों की मदद के लिए भी खोले दरवाजे
इस होटल का प्रतिष्ठित इतिहास है। रतनबाई पेटिट (मरियम जिन्नाह) जोकि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की दूसरी पत्नी थीं, वो भी अपने अंतिम दिनों में इसी होटल में रहती थीं। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, होटल को 600 बिस्तरों के साथ एक सैन्य अस्पताल में बदल दिया गया था।
इतने लोगों का चलता है घर
साल 2010 में दी गई जानकारी में यह बताया गया था कि ताज होटल्स हर साल 20000 लोगों को रोजगार देती है। आज इनके 100 से ज्यादा होटल्स हैं। यह भारत के बेहतरीन होटलों में से एक माना जाता है। यहां 2008 के मुंबई हमलों में आंतकियों ने हमला किया था। जिसके बाद साल 2010 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा यहां ठहरे थे। उन्होंने उस दौरान यह बात कही था कि ताज होटल भारत की मजबूती का प्रतीक है।