घटना दुर्घटना वाद-विवाद का घटनास्थल पर ही ऑन द स्पॉट समाधान कराना सबसे अलग रहा
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कसमार। सुबे के शिक्षा मंत्री एवं डुमरी विधानसभा से लगातार चार बार विधायक रहे जगन्नाथ महतो का चेन्नई के अस्पताल में निधन हो गया। जगन्नाथ महतो की जुझारूपन, कर्मठता एवं संघर्षशीलता तथा अनोखी अदाएं भी लोगों को खूब कायल बना देती थी। महतो ने कभी रेलवे स्टेशन में मूंगफली बेचने से लेकर ठेले से बिजली पोल खींच कर लाने जैसी निराले अंदाज लोकप्रियता का कारण था। इन सब में अलग उनका आपलोगों के साथ ठेठ व गंवई अंदाज में मिलना एवं बातचीत करना तथा बातों ही बातों में या भाषण के बीच ही मजाकिया लहजे में लोगों को हंसा देना भी अधिक लोकप्रियता बढा देती थी। इन सब के बाद घटना-दुर्घटना, वाद-विवाद का समाधान घटनास्थल पर ऑनद स्पॉट पहुंचकर समाधान कराना खासियत थी। 2010 की पहले बात है जब चंद्रपुरा क्षेत्र में 11 हजार बिजली पोल आंधी से गिर जाने से कई दिनों से क्षेत्र में अंधेरा छाया था। ग्रामीणों के आग्रह पर उन्होंने विद्युत विभाग के अधिकारियों को कई बार निर्देश दिया पर ध्यान नहीं दिया। तब विधायक जगरनाथ ने सहयोगियों के साथ खूद ही विद्युत सबस्टेशन में पड़ा पोल को ठेला पर लादा और खींचकर लाकर गाड़ने का कार्य किया था।
एक बार की बात है जब गोमो- चौपान-बरकाकाना पैसेंजर ट्रेन में घूम घूमकर सामान बेचने वालों को रेलवे ने रोक लगा दी थी। आरपीएफ के जवान उन्हें ट्रेन से खदेड़ दे रहे थे। रोजीरोटी में आफ़त आने पर रेलवे वेंडरों ने डीआरएम से बात की तो नहीं माने। तब समर्थकों के साथ विधायक खूद बादाम लेकर पैसेंजर ट्रेन चढ़कर बेचने लगे। बकायदा उन्होंने 645 रुपये का बादाम भी बेचा था। जो बाद में वेंडरों के बीच बांट भी दिया था। उस समय तो रेलवे ने उन्हें नहीं रोका लेकिन इसके बाद रेलवे ने उन्हें केस कर दिया था। इस तरह सड़क दुर्घटना या सीसीएल में घटना दुर्घटनाओं का समाधान इतना स्थल पर पहुंचकर समाधान करा देते थे। गांव में घरेलू वाद- विवाद का भी सख्ती से निपटा देते थे। विधायक ने 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को हमेशा या सदन के बाहर या सड़क में प्रमुखता से उठाया था। इसके अलावा गांव समाज के पर्व त्यौहार में खुद जाकर ग्रामीणों के साथ भाग लेते थे। अपने घर के खेतों में खुद हलबैल लेकर एवं ट्रैक्टर से खेती बारी करते थे। गांवों के बच्चों के साथ खेलना। पारंपारिक मुर्गा लड़ाई, सोहराय बरदखुंटा, करम झुमर में ढोल मांदर एवं नगाड़ा बजाना, रामनवमी एवं मुरहरम में मैं लाठी खेलना। नटवा नाच करना, भक्ता गांजन में भगतियों के साथ ऊंचे खूंटे में झुलना, शादी विवाह आदि