Dhanbad, 16 सितंबर : बालू के धंधे में घपला -घोटाला के एक मामले में इडी ने जग नारायण सिंह उर्फ जगन सिंह तथा उनके पुत्र को गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी के बाद धनबाद में बीसीसीएल के बहुचर्चित आडिटर दास हत्याकांड की याद ताजा हो गई है। उल्लेखनीय है कि जगन सिंह धनबाद के पांच देवों में एक स्व नौरंगदेव सिंह के पुत्र हैं। आडिटर दास की हत्या झरिया अग्नि क्षेत्र में बालू भराई के घपले की जांच को छिपाने के क्रम में की गई थी। इस कांड में जगन सिंह के चाचा रामचंद्र सिंह का नाम था। धनबाद कोयला क्षेत्र में अग्नि प्रभावित क्षेत्रों में बालू फिलिंग का कुख्यात धंधा चलता था। इन पर माफिया तत्वों का कब्जा था। तत्कालीन मुख्यमंत्री विन्देश्वरी दुबे के कार्यकाल में धनबाद में एक बार माफिया उन्मूलन अभियान की शुरुआत हुई। उस समय के डीसी स्व मदन मोहन झा ने माफिया तत्वों पर शिंकजा कस दिया था। फिलहाल जगन सिंह की गिरफ्तारी बिहार में हुए बालू घोटाले के मामले में हुई है। बिहार में बालू का
भयंकर syndicate है जिसमें जगन सिंह एक पार्टनर मात्र है. लालू परिवार से लेनदेन में उनका नाम सामने आया बताया जाता है. उसके साथ धनबाद के ही सुरेंद्र जिंदल और दिवंगत सुरेश सिंह के पुत्र अजय भी साझेदार हैं. ED जिंदल और अजय पर भी हाथ डाले तब पूरा मामला खुले. जिंदल भाजपा से जुड़ा है. पूरे बालू सिंडीकेट का finance वही डील करने वाला कहा जाता है.धनबाद में बैठकर बिहार के बालू कारोबार में उसकी चलती है.
वैसे धनबाद में पंच देवों का आधिपत्य क्षीण हुआ है, भले अब महतो और प्रिंस जैसे नये लोग उभर कर आ गये हैं। सिंह मेंशन “राज घराने” की लड़ाई में पूरी तरह ढीला हो गया है।
फिलहाल यहां कोयले के धंधे पर पुलिस का ही साम्राज्य छाया हुआ है। पुलिस की कारगुजारियां प्रदेश ही नहीं, देश में चर्चा बटोर रही है। कोयला कारोबार से पुलिस की जो प्रैक्टिस है वैसी प्रैक्टिस धनबाद के इतिहास में मनी डिवैलुएशन को भी यदि जोड़ लिया जाए तो नहीं हुई थी। कोयला केंद्र के अधीन है ,लेकिन प्रधानमंत्री का न खाएंगे न खाने देंगे वाला सिद्धांत धनबाद में सिद्ध नहीं हो रहा है।