Jamshedpur,2Feb; सदर अस्पताल मे पदस्थापित डाक्टर प्रीति पांडे( इएनटी) और डाक्टर निकिता गुप्ता द्वारा कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार ,बदतमीज हरकत एवं ड्यूटी मे लापरवाही से सदर अस्पताल प्रशासन छिन्न भिन्न हो गुण है। आए दिन मरीजो की शिकायत आती रहती है कि ये कभी समय पर ओ पी डी स्थित चैम्बर में नहीं बैठती , न रहती हैं, लेकिन कल अस्पताल के कर्मचारी भी इनके रूखे व्यवहार और मनमानी से दुखी हो गए। अनुबंध पर नियुक्त इन चिकित्सकों ने सिविल सर्जन के आदेश को धत्ता बताते हुए जो मनमानी दिखाई उससे लगा कि इन्हें अनुशासन और प्रशासन की तनिक कद्र नहीं । सदर अस्पताल उपाध्यक्ष डाक्टर ए बी बाखला का कहना है कि हम इनकी हरकतो से परेशान है। डाक्टर की जिम्मेदारी होती है मरीजो को ठीक से देखना -सुनना और उनकी बीमारी – परेशानी को देखना समझना मगर अफसोस इनके अंदर सेवाभाव दिखता ही नही है। अस्पताल प्रशासन के लिए कर्मचारी और नर्स उतना ही अहमियत रखते है जितना डॉक्टर तभी अस्पताल को सुचारू ढंग से चलाया जा सकता है।
विदित हो कल एक चैम्बर को लेकर दोनो डाक्टर प्रीति पांडे और निकिता गुप्ता एनसीडी कर्मचारी व नर्स से हाथापाई और गाली-गलौज पर उतर आयीं और अस्पताल मे खूब हंगामा मचाया , जबकि वह ओपीडी का समय था और मरीजों की भीड़ लगी थी। ये डॉक्टर 11-11.30 बजे सुबह आती है और एक बजे दोपहर मे चैम्बर से गायब हो जाती है जबकि ओ पी दी का समय सुबह 10 बजे से 3 बजे अपराह्न तक होता है. ज्ञात हो कि विगत 7 माह पूर्व डाक्टर प्रीति पांडे मैटरनिटी पीरियड मे गई थी और एक सप्ताह पूर्व ही ड्यूटी ज्वाइन की है. पहले चैम्बर संख्या 3 में ई इन टी ओ पी डी चलता था जिसमे डॉ प्रीति पांडेय बैठती थीं। उनके छुट्टी में जाने के कारण काफी दिनों तक ओ पी डी बंद था। इस बीच कोविड को देखते हुए ओ पी डी 3 में सिविल सर्जन के आदेश पर एन सी डी सेल खोल गया। जब डॉ प्रीति पांडेय छुट्टी से वापस आयीं तो उनको ओ पी डी नंबर 13 देकर वहां बैठने के लिए कहा गया, लेकिन वहां नहीं बैठकर कल मंगलवार को जबरन 3 नंबर में घुसकर वहाँ काम कर रहे डॉक्टर व नर्स के साथ उलझ गईं और उन सबको बाहर निकलते हुए स्वयम कुर्सी लगा कर बैठ गईं। उनका साथ देने के लिए ओ पी डी नंबर 7 में बैठनेवाली डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ निकिता गुप्ता भी आ गईं और 3 नंबर में लगे इन सी डी सेल से संबंधित पोस्टर को फाड़ दिया। अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ ए बी के बाखला सहित अन्य डॉक्टरों ने पहुंच कर मामले को शांत कराया। इन दोनों डॉक्टरों की इस हरकत पर स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला मंत्री रवींद्र नाथ ठाकुर के नेतृत्व में कर्मचारियों ने सिविल सर्जन से मिलकर लिखित रूप में शिकायत की और उन पर कार्रवाई की मांग की। कर्मचारियों ने इन पर कार्रवाई नहीं होने पर हड़ताल करने की चेतावनी दी है। अनुबंध पर नियुक्त इन डॉक्टरों के रवैया और मनमानी की शिकायत बहुत पहले से आती रहती है लेकिन आश्चर्य है उन पर नियंत्रण नहीं लगाया जा रहा। डॉ निकिता गुप्ता खुद को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से जुड़े होने और डॉ प्रीति पांडेय मज़दूर नेता राकेश्वर पांडेय से जुड़ा होने का दम्भ भर कर उनका नाम खराब कर रहीं जबकि अस्पताल प्रशासन पर महिला प्रताड़ना का आरोप लगा कर दवाब बनाये रखना चाहती हैं।