बैंकॉक 73 साल में पहली बार भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने थॉमस कप जीता, वो भी उस इंडोनेशिया को हराकर, जिसने 14 बार इस खिताब को हासिल किया है। भारत ने इंडोनेशियाई टीम को 3-0 से मात दी।भारत इस टूर्नामेंट में पहली बार फाइनल खेल रहा था। पांच मुकाबलों की इस खिताबी जंग में भारत ने लगातार तीन जीत हासिल कीं। इनमें दो सिंगल्स और एक डबल्स शामिल है। इस जीत के बाद केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय टीम के लिए एक करोड़ की इनामी राशि की घोषणा की। यह पहला मौका है जब खेल मंत्रालय ने ओलिंपिक, एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स के अलावा कोई बैडमिंटन टूर्नामेंट जीतने पर इनाम घोषित किया है।
भारतीय टीम से पीएम ने बात की
जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय टीम के खिलाड़ियों से बात की और उन्हें इस ऐतिहासिक जीत पर बधाई दी है। एचएस प्रणय ने एक सोशल मीडिया पोस्ट कर यह जानकारी दी।
किदांबी ने लगाया जीत का तिलक
अनुभवी किंदाबी श्रीकांत ने भारत के माथे पर जीत का तिलक लगाया। वर्ल्ड नंबर-11 श्रीकांत जब कोर्ट पर उतरे तो उनके कंधों पर एक और सिंगल्स जीतने की जिम्मेदारी थी। उस वक्त भारत 2-0 की बढ़त पर था। दाएं हाथ के इस शटलर ने अपने से ज्यादा रैंकिंग वाले जोनाथन क्रिस्टी को सीधे गेम में 21-15, 23-21 से हराया। यह मुकाबला 48 मिनट चला।
पहला गेम गंवाने के बाद चिराग-सात्विक ने जीता डबल्स मैच
इससे पहले फाइनल के दूसरे मुकाबले में सिंगल्स जीतने बाद डबल्स मैच जीता। चिराग शेट्टी और सात्विक साईराज रंकीरेड्डी की भारतीय जोड़ी ने पहला गेम गंवाया फिर दूसरा और तीसरा गेम जीत मुकाबला अपने नाम किया।
पहला सिंगल्स लक्ष्य सेन ने जीता
भारत ने इस तरह खिताब अपने नाम किया
पहले सिंगल्स में लक्ष्य सेन ने एंथोनी सिनिसुका गिनटिंग को 8-21, 21-17, 21-16 से हराया। पहले गेम में लक्ष्य को एंथोनी सिनिसुका गिनटिंग से 8-21 से हार का सामना करना पड़ा। एक समय मुकाबला 8-7 पर था, लेकिन इसके बाद एंथोनी ने लगातार 12 पॉइंट बनाकर लक्ष्य को पूरी तरह मुकाबले से बाहर कर दिया। उन्होंने सिर्फ 16 मिनट में गेम को अपने नाम करके बढ़त बनाई।
उसके बाद लक्ष्य ने शानदार वापसी करते हुए दूसरा गेम अपने नाम कर लिया। उन्हें 21-17 से जीत मिली। उसके बाद तीसरे गेम को भी 21-16 से जीत कर भारत को 1-0 से बढ़त दिलाई।
डबल्स के पहले गेम में चिराग शेट्टी और सात्विक को हार मिली। इंडोनेशिया की मोहम्मद अहसन और केविन संजया सुकामुलजो की जोड़ी ने गेम (सेट) को 17 मिनट में 21-18 से अपने नाम किया।
चिराग शेट्टी और सात्विक साईराज रंकीरेड्डी ने दूसरे गेम में वापसी करते हुए मोहम्मद अहसन और केविन संजया सुकामुलजो की जोड़ी को 23-21 से हराया। इसके बाद तीसरा गेम 21-19 से जीत कर मुकाबला अपने नाम कर लिया।
सेमीफाइनल में चोटिल होने के बाद भी एचएस प्रणय ने दिलाई थी जीत
भारत के एचएस प्रणय चोटिल होने के बाद भी सेमीफाइनल में कोर्ट पर उतरे और टीम को जीत दिलाई। डेनमार्क के खिलाफ सेमीफाइनल में पहले चार मैचों के बाद दोनों टीमें 2-2 की बराबरी पर थीं। आखिरी मैच में भारत के एचएस प्रणय के सामने डेनमार्क की ओर से रासमुस गेमके थे। प्रणय ने यह मैच 1 घंटा, 13 मिनट में 13-21, 21-9, 21-12 से अपने नाम किया।