जमशेदपुर, 23 मार्च : देशभर में ठीक एक वर्ष पहले कोरोना महामारी को लेकर लॉकडाउन लगा था. उस समय देश में कोरोना महामारी की दौड़ शुरू हो गई थी. नई दिल्ली, मुम्बई समेत अन्य शहरों में लगातार एक के बाद एक मरीज मिलते जा रहे थे लेकिन जमशेदपुर में एक भी केस सामने नहीं आया था उस समय लोगों के बीच कोरोना वायरस का खौफ था लोग इतने जागरूक हो गए थे कि घरों से निकलने से परहेज करने लगे थे, बिना मास्क के घर से निकलना उचित नहीं समझते थे. लोग समझने लगे थे कि कोरोना की रोकथाम के लिए मास्क पहना, सामाजिक दूरी का पालन करना, बिना काम का घर से नहीं निकलना चाहिए. जब जिले में 12 मई 2020 को कोरोना के दो मरीज मिले थे तो हडक़ंप मच गया था. टीएमएच में उन्हें भर्ती कराया गया था. लोगों में दहशत बढ़ती जा रही थी. लोग सरकार के दिए गए गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करने लगे थे अपने को भीड़ में जाने से परहेज करने लगे थे. अस्पताल में कोरोना के मरीजों को रखने के लिए बैड तैयार किए जाने लगे थे आलम यह था कि अस्पताल में लोगों को इलाज कराना मुश्किल हो गया था. शहर के कई डॉक्टरों ने निजी क्लीनिकों को बंद कर रखा था सरकारी अस्पताल में लोग जाने से सहमने लगे थे लेकिन 12 मई के बाद कोरोना के मरीजों का आज तक मिलने का सिलसिला जारी है. बीच में ऐसी स्थिति आ गई थी कि मात्र दो- तीन मरीज मिलने लगे थे. लोगों को लगने लगा था कि अब हम कोरोना महामारी से छुटकारा पा लेंगे. जिले में संक्रमितों की संख्या घट कर सबसे कम 57 तक पहुंच गई थी लेकिन पिछले करीब एक सप्ताह से लगातार मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण आज फिर जिले में 172 संक्रमितों तक संख्या पहुंच गई है. जिसे के निजी व सरकारी अस्पताल को फिर से कोरोना मरीजों की बढंती संख्या को देख कर अलर्ट कर दिया गया है. कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या का कारण है कि लोग आज सरकार या जिला प्रशासन के गाइडलाइन को दरकिनार कर अपने को खुद कोरोना वायरस की चपेट में आने को दावत दे रहे हैं. इसी का नतीजा है कि जब एक बार फिर मुंबई समय अन्य कई बड़े शहरों में कोरोन मरीजों की संख्या फिर बढऩे लगी है तो जमशेदपुर में भी इसका असर दिखने लगा है. मंगलवार को कोरोना के 27 मरीज मिले, जिसके लिए लापरवाही है. जिस तरह से मरीजों की संख्या बढ़ रही है उससे लगता है कि आने वाले दिनों में संख्या घटने के बजाय बढ़ती ही जाएगी. सरकार ने सभी चीजों को खोलने के आदेश दे दिए हैं लेकिन उसके लिए बहुत सारे दिशा निर्देश भी दिए हैं. कोरोना गाइडलाइन का पालन करने का भी आदेश दिए हैं जिसका सही तरीके से लोग खुद पालन नहीं कर रहे हैं और लापरवाही बरतने में नहीं कोई कमी नहीं कर रहे. जिले में कोरोना वैक्सीन की देने का काम तेजी से चल रहा है लेकिन लोगों में जागरूकता का घोर अभाव दिख रहा है.
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जिले में 1821 लोगों की कोरोना जांच की गई जिसमें 27 पॉजिटिव मिले.
मंगलवार को जिले में 1821 लोगों की कोरोना जांच की गई जिसमें 27 पॉजिटिव मिले. जिले में 11 लोग संक्रमण मुक्त हुए. आरटी पीसीआर से 941, ट्रूनेट मशीन से 264 व रैपिड एंटीजन टेस्ट 616 लोगों का किया गया. 741 में 14, 264 में 10 व 616 में तीन पॉजिटिव मिले. अब तक जिले में 18850 मरीज मिले हैं जबकि 18003 संक्रमण मुक्त हुए हैं. जिले में 172 संक्रमित बचे हैं. सभी लोग शहरी क्षेत्र के हैं. जिले की रिवकारी दर घट कर 97.19 प्रतिशत जबकि राज्य की 98.44 प्रतिशत हो गई है. देश की रिकवरी दर 95.80 प्रतिशत है.
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जिले में रिकॉर्ड 12183 लोगों ने ली कोरोना वैक्सीन
जिले में कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण अभियान को तेज कर दिया गया है. मंगलवार को जिले में रिकॉर्ड 12183 लोगों ने कोरोना वैक्सीन ली. ग्रामीण क्षेत्र के 10115 लोगोंं ने तो शहरी क्षेत्र में 2068 लोगों ने वैक्सीन ली. कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज 784 लोगों ने लिया. शहरी क्षेत्र के 255 लोगों ने तो ग्रामीण क्षेत्रों के 529 लोगों ने ली. सबसे अधिक पोटका प्रखंड के 1517 लोगों ने कोरोना वैक्सीन ली. शहरी क्षेत्र में एनयूएचएम अर्बन कैम्प में 870 लोगों ने वैक्सीन ली. शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों के लोग कोरोना वैक्सीन ले रहे हैंं.