शरद अग्रवाल, राजीव दुग्गल, धनंजय कुमार सिंह, राहुल अग्रवाल, ऐश्वर्या तारक सिंह, रजत जग्गी, दीपक अग्रवाल, राजेश कुमार मंगोतिया उर्फ लड्डू मंगोतिया एवं राजकुमार अग्रवाल अभियुक्त
जमशेदपुर कार्यालय, 10 फरवरी : होटल अल्कोर मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने अभियुक्तों के विरूद्ध पुलिस द्वारा दायर अभियोग पत्र पर पुन: संज्ञान लेते हुए सभी 9 अभियुक्तों को 30 जून, 2021 को हाजिर होने का निर्देश दिया है.
विदित हो कि इस मामले में 24 जून 2020 को पहले ही न्यायालय ने पुलिस के चार्जशीट पर संज्ञान ले लिया था जिसे उच्च न्यायालय ने रद्द करते हुए कानूनी प्रक्रिया के तहत नये तरीके से कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. तदनुसार मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने फिर से संज्ञान लिया और केस डायरी आदि का उल्लेख अवलोकन करते हुए विस्तृत आदेश पारित किया.
इस मुकदमे में अनैतिक देह व्यापार (प्रिवेंशन) अधिनियम, 1956 की धारा 3/4/5/6 के तहत शरद अग्रवाल, राजीव दुग्गल, धनंजय कुमार सिंह, राहुल अग्रवाल, ऐश्वर्या तारक सिंह, रजत जग्गी, दीपक अग्रवाल, राजेश कुमार मंगोतिया उर्फ लड्डू मंगोतिया एवं राजकुमार अग्रवाल अभियुक्त हैं. केस डायरी में पुलिस ने पूरे घटनाक्रम का जिक्र करते हुए विवरण लिखा है जिसके अनुसार शरद पोद्दार और राहुल अग्रवाल ने ऐश्वर्या तारक सिंह को होटल में ठहराया था. ये लोग होटल में अन्य लड़कियों को भीी लोन का प्रबंध करते थे. सीसीटीवी फूटेज के आधार पर पुलिस ने आरोपित किया कि सह अभियुक्त दीपक अग्रवाल, राजेश कुमार मंगोतिया उर्फ लड्डू मंगोतिया एवं रजत जग्गी होटल के नियमित ग्राहक थे और वे संदेहास्पद स्थिति में पकड़े गये थे. जो कथित रूप से लाकडाउन में होटल आने का कोई तार्किक स्पष्टीकरण नहीं दे सके. होटल मालिक राजीव दुग्गल और प्रबंधक धनंजय कुमार परिसर के मालिक और परिसर प्रभारी होने के नाते आरोपित किये गये हैं. अन्य लड़कियों के स्थल से मौका पाकर फरार हो जाने की बात बतायी गयी है. अभियुक्त दीपक अग्रवाल, लड्डू मंगोतिया, रजत जग्गी आपस में फोन पर लगातार संपर्क में रहते थे. लाकडाउन में ऐश्वर्या तारक सिंह होटल कोलकाता से लायी गयी थी. सारा प्रकरण सुविचारित योजना के तहत चल रहा था जिसमें उक्त सभी अभियुक्तों की भागीदारी आरोपित की गयी है.
अदालत ने सभी परिस्थितियों एवं तथ्यों को संज्ञान योग्य पर्याप्त मानते हुए पिर से चार्जशीट पर संज्ञान लिया और 30 जून को अभियुक्तों को हाजिर होने का आदेश पारित किया.
उक्त अभियुक्तों में एक राजकुमार अग्रवाल के अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने कहा कि वे मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के इस दुबारे संज्ञान वाले आदेश को पुन: उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे, क्योंकि चार्जशीट में अभी भी अनेकों कानूनी त्रुटियां हैं, जैसे एफ एस एल रिपोर्ट का नहीं होना, अनैतिक देह व्यापार के लिए अधिसूचित अनुसंधान पदाधिकारी का नहीं होना, कथित देह व्यापार पर अगल-बगल से जनता की शिकायत नहीं होना आदि उल्लेखनीय है.