मुख्यधारा की पत्रकारिता आजादी के पूर्व भी वैसी ही थी, जैसी आज है-हरिवंश

हिन्दी मीडिया की चुनौतियों और अवसर पर व्याख्यान
जमशेदपुर, 12 नवम्बर। मुख्यधारा की पत्रकारिता भी आजादी के पूर्व भी वैसी ही थी, जैसी आज है। प्रतिबद्धता की पत्रकारिता ने अपनी छाप छोड़ी है। दुनिया की पत्रकारिता से भिन्न थी, भारत की आजादी के दौरान की पत्रकारिता, जिन लोगों ने अपनी छाप छोड़ी नये मापदंड और प्रतिमान बनाया, उन्होने निजी उद्यम से, अपने प्रतिबद्धता के तहत, अपने विचारों के तहत नयी लकीर खींचना चाहते थे, उन लोगों ने जो पत्रकारिता की वह प्रतिबद्धता की पत्रकारिता थी और वो मुख्य धारा की पत्रकारिता से एकदम अलग थी। इनमें कुल नाम महत्वपूर्ण है, जिन्हे आज याद किया जाता है, महात्मा गांधी, अबूल कलाम आजाद, बाल गंगाधर तिलक, बाबा साहेब अम्बेडकर ने पत्रकारिता की, इन लोगों ने मुख्यधारा की पत्रकारिता नहीं की। इन्होने अपनी प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया, पत्रकारिता किया। उक्त विचार राज्यसभा के सभापति और प्रखर पत्रकार 56वें राष्ट्रीय प्रेस डे के अवसर पर हिन्दी मीडिया की चुनौतियों और अवसर पर व्याख्यान में मुख्यवक्ता के रूप में यहां करीम सिटी कॉलेज के ऑडिटोरियम में व्यक्त किया। प्रेस क्लब ऑफ जमशेदपुर द्वारा आयोजित व्याख्यान में शहर के वरीय पत्रकार दिनेश्वर प्रसाद सिंह दिनेश की अध्यक्षता में दीप प्रज्जवलित कर मुख्य वक्ता राज्यसभद्ग के उपसभापति हरिवंश जी, वरीय पत्रकार दिनेश्वर प्रसाद दिनेश, प्रेस क्लब ऑफ जमशेदपुर के अध्यक्ष संजीव भारद्वाज (रिन्टू), करीम सिटी कॉलेज के प्राचार्य मो. रियाज, करीम सिंटी कॉलेज मास कम्युनिकेशन विभाग की प्रभारी व कार्यक्रम संचालक डॉ. नेहा तिवारी ने संयुक्त रूप से किया।
व्याख्यान के दौरान अपने सम्बोधन में श्री हरिवंश ने बताया कि पत्रकारिता के मूल उद्देश्यों के साथ हिन्दी पत्रकारिता में पहला नाम राजा राममोहन राय का रहा, जिन्होने समाज के लोगो में कैसे जागरुकता आए, इस विषय की पत्रकारिता की, 1854 में ऐसे ही पत्रकारिता श्याम सुन्दर सेन ने, 1877 में भारतेन्द्रू, आजादी के संघर्ष के दौरान शान्ति नारायण भटनागर ने स्वराज्य नामक ऐसी पत्रिका निकाली, जिसके ढाई साल में आठ सम्पादक हुए और उनके सात सम्पादकों को काले पानी की सजा हुई, उस पत्रकारिता में योग्यता यही थी कि जो कालेपानी के लिए तैयार हो, वही सम्पादक बनें। उनकी प्रतिबद्धता कैसी थी कि इसके बावजूद भी लोग वहां सम्पादक बनें। उन्होने आज की पत्राकारिता के सम्बन्ध में बताया कि दुनिया भर में पत्रकारिता के क्षेत्र में आयी चुनौतियां और उसके प्रभाव में पत्रकारिता पर प्रभाव का दो वर्ष तक अध्ययन करने वाली संयुक्त राज्य अमेरिका की एक कमिटी ऑफ कन्सर्न ने अपने अनुभवों पर आधारित एक किताब प्रकाशित की एलीमेन्ट ऑफ जर्नलिज्म, इसमें मूल बाते यहीं लिखी है कि जिस सच को उजागर करना पत्रकारिता का धर्म था, ये अपने रास्ते से भटकी है।
श्री हरिवंश ने मुख्यधारा की पत्रकारिता की वर्तमान स्थिति के सम्बन्ध में कहा कि उनके सामने जो समस्याएं हैं, उनका मुकाबला करने और अपने अस्तित्व को बचाये रखने के लिए जो कीमते वो चुकाती हैं, उसके कारण उनकी पत्रकारिता प्रतिबद्धता की पत्रकारिता से अलग है। वर्तमान समय पर इसी संदर्भ में पाठक विश्लेषक के रूप में एक पुस्तक प्रकाशित हुई, जिसका पंचलाईन ही था स्टॉप रीडिंग द न्यूज, किताब में कहा गया कि वर्तमान समय में प्रसारित-प्रकाशित होने वाली खबरे मस्तिष्क को गहराई से प्रभावित कर रही है। 30 वर्ष पूर्व विचारों से दुनिया बदलती थी, लेकिन आज विचारों को हटाकर टेक्नोलॉजी ने उसका स्थान ले लिया है। समाकालीन चुनौतियों और समस्याओं पर अगर आपने अपने देश व समाज को सचेत नहीं किया तो यह सवाल आपसे भी होंगे। आज पूरी दूनिया पर जलवायु परिवर्तन और अनेकों ऐसी समस्याएं है, जिसे हम अपनी पत्रकारिता से प्रमाणित तथ्यों के साथ सामने रखकर एक नयी तरह की पत्रकारिता कर सकते हैं। इस अवसर पर श्री हरिवंश ने वहां उपस्थित आम लोगों के साथ साथ, पत्रकारों एवं मॉस कम्युनिकेशन से जुड़े छात्रों के प्रश्न लिये और उनका उत्तर दिया।
कार्यक्रम का संचालन करीम सिटी मास कम्युनिकेशन विभाग की प्रभारी डॉ. नेहा तिवारी ने ं किया, कार्यक्रम में प्रभात खबर के स्थानीय सम्पादक रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष संजय मिश्र ने मुख्य वक्ता एवं अध्यक्ष का परिचय कराया। प्रेस क्लब ऑफ जमशेदपुर के पूर्व अध्यक्ष बी. श्रीनिवास ने प्रेस क्लब की गतिविधियों की जानकारी दी। कार्यक्रम में मुख्य रूप से रबीन्द्रनाथ चौबे, राजकुमार सिंह, राजेश शुक्ल, सरदार शैलेन्द्र सिंह, मुकेश मित्तल, विजय आनन्द मूनका सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थें, कार्यक्रम के दौरान लगभग सभी प्रमुख पत्र पत्रिकाओं के सम्पादक एवं सहकर्मी के साथ शहर में संचालित विभिन्न महाविद्यालयों के मॉस कम्युनिकेशन के छात्र उपस्थित थें।
स्टैंडप्वाइंट्स आन मीडिया सिनेमा एंड सोसायटी का विमोचन
इस अवसर पर करीम सिटी मॉस कम्युनिकेशन विभाग की प्रभारी डा नेहा तिवारी एवं डा रश्मी कुमारी द्वारा संपादित पुस्तक स्टैंडप्वाइंट्स आन मीडिया सिनेमा एंड सोसायटी का विमोचन हरिवंश एवं अन्य अतिथियों ने किया। ंमास कम्युनिकेशन के मीडिया शिक्षकों द्वारा मीडिया, सोसायटी के अंतरंग संबंधों पर आधारित 15 शोध इसमें प्रकाशित हैं।

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