कोयला ढुलाई संचालकों ने सड़क के गड्ढों में मलवा भरा, प्रशासन अबतक कुम्भकर्णी नींद से नहीं जागा

चमकता आईना इंपैक्ट

चांडिल । जनमुद्दों पर मुखर हिंदी दैनिक समाचार पत्र चमकता आईना ने 29 जनवरी 2020 को मुख्य पृष्ठ पर “नेशनल हाईवे बर्बाद करने वालों पर क्यों नहीं कार्रवाई करती सरकार” शीर्षक से खबर प्रकाशित किया था जिसमें सरायकेला खरसवां जिले के नीमडीह थाना अंतर्गत स्थित पितकी रेलवे फाटक के समीप एनएच 32 का हाल बयां किया गया था। उक्त खबर के प्रकाशित होने से चांडिल रेलवे स्टेशन के रेक से कोयला ढुलाई करने वाले संचालकों में हड़कंप मच गया हैं। शुक्रवार सुबह से ही संचालकों ने रोड की मरम्मत करने की कवायद शुरू कर दी। बताया जाता है कि आसपास के तोड़े गए बिल्डिंग के मलबों से रोड के गड्ढों को भरा गया। वहीं, रोलर से दुरुस्त किया गया। इससे चंद दिनों के लिए राहगीरों एवं आसपास के ग्रामीणों राहत मिलेगी। पर, यह स्थायी समाधान नहीं है। नेशनल हाईवे की इस दुर्दशा से रोड से गुजरने वाले राहगीरों को काफी परेशानी होती हैं लेकिन, प्रशासनिक अधिकारियों की नींद नहीं खुल रहीं है। ऐसा लगता है कि अधिकारी अबतक कुम्भकर्णी नींद में ही सोए हुए हैं। यदि प्रशासन उक्त समस्या को संज्ञान में लेकर कार्रवाई करता हैं तो रोड की स्थिति बेहतर हो सकती हैं और राहगीरों को स्थायी समाधान मिल सकता है।
स्थायी समाधान नहीं हुआ तो होगा आंदोलन :

लुपुंगडीह पंचायत पूर्व मुखिया एवं पितकी के ग्राम प्रधान गौरी शंकर सिंह, पूर्व उपमुखिया छुटुराम सिंह, लुपुंगडीह के ग्राम प्रधान लक्ष्मण गोप, आजसू कार्यकर्ता सह उपमुखिया कालीपद गोप, सामाजिक कार्यकर्ता नितेश तिवारी, पंचानन गोप आदि लोगों ने गत गुरुवार को एनएच 32 के धूल और ओवरलोड कोयला ढुलाई के खिलाफ आक्रोश जताया था। आंदोलन करने की चेतावनी भी दी थी। शुक्रवार को तत्काल रोड के गड्ढों को भरे जाने के बाद आंदोलन को टाल दिया गया। स्थायी समाधान की मांग पर वे आगे आंदोलन करने की रणनीति तैयार कर रहे हैं। लुपुंगडीह पंचायत पूर्व मुखिया एवं पितकी के ग्राम प्रधान गौरी शंकर सिंह ने कहा कि यह हजारों ग्रामीणों के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है तथा एनएच 32 से गुजरने वाले राहगीरों की परेशानी का मुद्दा है। इसलिए स्थायी समाधान होना चाहिए।
धूल से राहत पाने के लिए यह करना चाहिए :
प्रशासन को ओवरलोड कोयला ढुलाई पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। वहीं, कोयला, डस्ट, बालू, आयरन ओर ढुलाई वाले वाहनों में तिरपाल ढंकने की जरूरत है। इसके अलावा रोड पर नियमित पानी छिड़काव का प्रबंध होना चाहिए।

एनएच चौड़ीकरण में अभी लगेगा और समय :
एनएच 32 का चौड़ीकरण कार्य चल रहा हैं। एनएच 33 जयदा से पुरुलिया (पश्चिम बंगाल) तक चौड़ीकरण किया जा रहा है लेकिन इसे पूरा होने में करीब एक साल लगेंगे। सड़क चौड़ीकरण कार्य पूरा होने के बाद राहगीरों को उड़ती धूल और जाम से राहत मिलेगी और रेलवे फाटकों के झंझट से भी छुटकारा मिलेगा।

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