संगठनात्मक बैठक में पहुंचे असम के सीएम, विधानसभा चुनाव में जीत के लिए दिये मंत्र
जमशेदपुर, 2 अगस्त (रिपोर्टर) : असम के मुख्यमंत्री सह झारखंड विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने आज बिष्टुपुर तुलसी भवन में आयोजित भाजपा के संगठनात्मक बैठक में कार्यकर्ताओं को जीत के कई टिप्स दिये. उन्होंने कहा कि जमशेदपुर पूर्वी व पश्चिमी सीट भाजपा का परंपरागत सीट रही है, लेकिन गत 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने किस परिस्थिति में इन दोनों सीटों को हार गई, सभी जानते हैं. इसबार यह गलती नहीं होनी चाहिए. अगर यह दोनों सीटें भाजपा नहीं जीती तो राज्य में सरकार नहीं बनेगी.
श्री सरमा ने कार्यकर्ताओं को दो टूक कहा कि संगठन के कार्य में लगे रहनेवाले जिलाध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष व वरीय नेता कभी भी किसी ‘खास’ नेता को प्रत्याशी मानकर कार्य न करें, बल्कि संगठन कार्य में रुचि दिखाएं. वैसे तो चुनाव में भाग्य आजमाने के लिये कई लोग मैदान में होते हैं, लेकिन उपरोक्त पदाधिकारी सदैव पार्टी हित की बात सोचें, किसी व्यक्ति विशेष के समर्थक बनने से बचें. पार्टी जिसे भी टिकट दें, उसके समर्थन में लगे रहें. उन्होंने यह भी कहा कि कभी भी आपसी मनमुटाव का प्रदर्शन सार्वजनिक न करें, क्योंकि इससे विपक्षी को हमारी योजना की जानकारी हो जाती है और वे पार्टी के प्रत्याशी को हराने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. अगर मनभेद हो तो भी बाहरी किसी पार्टी को इसका अंदाजा तक लगने न दें. इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पूर्व विधायक बडक़ुंवर गागराई, जिला प्रभारी डॉ जीतू चरण राम समेत प्रदेश मंत्री नंदजी प्रसाद भी मौजूद रहे. बैठक में अतिथियों का स्वागत पार्टी के महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने किया.
इस दौरान पूर्व सांसद आभा महतो, पूर्व विधायक मेनका सरदार, लक्ष्मण टुडू, जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मु, उपाध्यक्ष पंकज सिन्हा, पूर्व जिलाध्यक्ष ब्रह्मदेव नारायण शर्मा, चंद्रशेखर मिश्रा, देवेंद्र सिंह, अभय सिंह, रामबाबू तिवारी, चंद्रशेखर मिश्रा, बिनोद सिंह, राजकुमार श्रीवास्तव, दिनेश कुमार, गुंजन यादव, पूर्व प्रदेश प्रवक्ता राजेश शुक्ल, नीरज सिंह सहित काफी संख्या में भाजपाई मौजूद थे.
महिलाओं को प्रतिमाह 1 हजार देने की घोषणा मात्र ढोंग
उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में झामुमो-कांग्रेस ने झूठे वादे और सब्जबाग दिखाकर जनता को भ्रमित कर चुनाव जीता. लेकिन अबतक उन वादों को पूरा करने के लिए कोई प्रतिबद्धता नहीं दिखाई. वर्ष में पांच लाख युवक-युवतियों को रोजगार, रोजगार नहीं देने पर बेरोजगारी भत्ते के रूप में 5000 और 7000 रूपये देने की घोषणा की गई थी, लेकिन साढ़े चार वर्ष बाद भी न कोई रोजगार मिला और न ही एक रुपया बेरोजगारी भत्ता. हेमंत सरकार ने प्रति परिवार को 72 हजार रुपया, पेंशन को तीन हजार करने, 2 हजार प्रतिमाह चूल्हा खर्च देने समेत आवास योजना में तीन लाख रुपये देने का वादा किया था. लेकिन अब चुनावी नैया पार करने के लिए अब सिर्फ 2 महीने के लिए 1 हजार प्रतिमाह देने का ढोंग हेमंत सरकार कर रही है.
बूथ की मजबूती में जुटें कार्यकर्ता : मुंडा
अपने संबोधन में पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि कार्यकर्ताओं के सांगठनिक कौशल एवं उनकी दक्षता का लाभ पार्टी को कैसे मिले इसकी चिंता करें. हेमंत सरकार में बढ़ते आपराधिक घटना, गिरते स्वास्थ्य व्यवस्था एवं महिला अपराध पर सरकार पर निशाना साधते हुए कार्यकर्ताओं से सरकार की नाकामियों को उजागर करने और बूथ मजबूती में जुटने का आह्वान किया.