झारखंड में हेमंत सोरेन की अगुवाई में सरकार बनने जा रही है। इतना साफ हो गया है कि पूर्ण बहुमत और जबरदस्त जनादेश मिलने के बाद हेमंत सोरेन अब दूने उत्साह के साथ सरकार चलाएंगे। 2019 के विधान सभा चुनाव के बाद से ही हेमंत सोरेन का कद बढ़ता चला गया है । इस बार के चुनाव ने तो इस पर ऐसी मुहर लगा दी है जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने अपने पिता झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रमुख शिबू सोरेन की विरासत को न सिर्फ संभाला है बल्कि उसे मौजूदा राजनीतिक हालातो के अनुरूप और भी बेहतरीन स्वरुप दे किया है। शिबू सोरेन का कद झारखंड की राजनीति में कोई प्राप्त नहीं कर सकता मगर हेमंत सोरेन ने इससे अलग हटकर अपना एक स्थान बनाया है जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है। भारतीय जनता पार्टी के बेहद आक्रामक प्रचार अभियान को उन्होंने अपने दम पर कुंद कर दिया। हेमंत सोरेन को जेल भेजा जाना भारतीय जनता पार्टी के लिए एक ऐसी राजनीतिक भूल साबित हुई है जिसकी भरपाई निकट भविष्य में तो कम से कम संभव नहीं दिखती।
इसके दो कारण साफ तौर पर दिख रहे हैं। एक तो यदि हेमंत सोरेन जेल नहीं जाते तो शायद कल्पना सोरेन की राजनीति में इतनी जल्दी एंट्री नहीं होती। जिन हालात में कल्पना सोरेन ने राजनीति में कदम रखा और 6- 8 महीने से कम समय में ही उन्होंने जो स्थान पा लिया है वह अजूबा जैसा ही दिखता है। हेमंत सोरेन के लिए अब उन तमाम योजनाओं को धरातल पर उतरना और जारी रखना एक बड़ी चुनौती रहेगी . मइंया महिला सम्मान योजना की राशि 1000 रु से बढक़र ढाई हजार रुपए करने की घोषणा की गई है। इनके अलावे भी 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की योजना चलाई जा रही है। उसे भी जारी रखना है। मुफ्त बिजली की योजना पर सरकार को करीब 7000 करोड रुपए सालाना बोझ पड़ेगा .इनके अलावा 450 रुपए में गैस सिलेंडर देने का भी वादा किया गया है। अब इन सारी योजनाओं पर करीब 35 से 40 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। जो झारखंड के बजट का करीब 35 प्रतिशत हो जाता है। केंद्र सरकार के साथ जिस तरह की तनातनी वाला संबंध झारखंड सरकार का हो गया है, उसमें यह तो नहीं कहा जा सकता कि केंद्र सरकार अब उन्हें इसी तरह से आंखे तरेरे और हेमंत सोरेन को दोबारा किसी मामले में जेल में भेजना का जोखिम उठाए मगर जो योजनाएं चलाई जा रही हैं उनके लिये राज्य को केंद्र पर बहुत पद तक निर्भर रहना होगा। केद्र की ओर से उसे सहयोग कितना मिल पाएगा यह देखने वाली बात होगी। एक अच्छी बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव जीतने पर मुख्यमंत्री को बधाई दी है और राज्य के विकास में उन्हें हर तरह से सहयोग देने का सहयोग देने का भरोसा जताया । हालांकि यह सब रटी रटाई बात होती है।वाकई कितना सहयोग मिल पाएगा अब इस पर सभी की नजर टिकी रहेगी.