: रांची-संसद में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बिहार के सांसद पप्पू यादव के सवाल पर कहा है कि कोयले के राजस्व मद में झारखंड का कोई बकाया नहीं है. सांसद ने पूछा था कि कोयले के राजस्व मद में झारखंड का बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार क्यों नहीं वापस करती? केंद्र सरकार के इनकार के बाद झारखंड सरकार एक्शन मोड में आ गयी है. विधिक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया गया है. इस बाबत आदेश भी जारी कर दिया गया है. झामुमो ने राज्य से कोयला रोकने की चेतावनी दी है.
सीएम ने भाजपा सांसदों से किया आह्वान
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा सांसद से आह्वान करते हुए कहा कि झारखंड भाजपा के सांसदों से उम्मीद है कि वे उनकी इस जायज मांग को दिलवाने के लिए अपनी आवाज अवश्य बुलंद करेंगे. झारखंड के विकास के लिए यह राशि आवश्यक है.
भू-राजस्व विभाग ने जारी किया आदेश, 15 दिनों का अल्टीमेटम
भू-राजस्व विभाग ने 28 नवंबर 21 को हुई कैबिनेट की बैठक में लिये गये फैसले का उल्लेख करते हुए आदेश जारी कर दिया है. आदेश में 15 दिनों के अंदर में विधिक कार्रवाई शुरू करने की बात कही गयी है. विभाग के उपसचिव रामेश्वर लेयांगी द्वारा जारी आदेश में लिखा गया है कैबिनेट में 1.36 लाख करोड़ रुपये जो केंद्र सरकार/केंद्रीय उपक्रम पर बकाया हैं, उनकी वसूली के लिए विधिक कार्रवाई अविलंब शुरू किया की जाये. इस निर्णय के अनुपालन के लिए राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के विशेष सचिव को विभागीय नोडल पदाधिकारी नामित किया गया है. उनके द्वारा कोल इंडिया लिमिटेड की विभिन्न अनुषंगी इकाइयों का लंबित बकाया जैसे वॉश्ड कोल रॉयल्टी ड्यूज, कॉमन कॉज ड्यूज आदि के भुगतान में आनेवाली वैधानिक अड़चनों की स्थिति में खान विभाग एवं महाधिवक्ता से समन्वय कर उसे दूर करने संबंधी यथोचित कार्रवाई की जायेगी. उनके द्वारा 15 दिनों के अंतराल में विभाग के सचिव को विधिक कार्रवाई की प्रगति से अवगत करायेंगे. विधिक कार्रवाई के लिए राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के संयुक्त सचिव उक्त कार्यों में सहयोग प्रदान करेंगे.
झामुमो ने खोला मोर्चा, कहा- एक ढेला कोयला बाहर नहीं जायेगा
झामुमो ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री के जवाब पर मोर्चा खोल दिया है. झामुमो महासचिव एवं प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने मंगलवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार और भाजपा अब नाटक करना बंद करें. कोयला हमारा, जमीन हमारी, हमलोग अब छोडऩेवाले नहीं हैं. चुनाव में भी औकात बतायी, राजमहल से लेकर राजधनवार तक एक ढेला कोयला तक बाहर नहीं जायेगा. भाजपा के लोग जो गलतफहमी उत्पन्न कर रहे हैं, वे समझ लें. यह राज्य की जनता का पैसा है. कोल इंडिया के अधिकारी भी सुन लें, यह पैसा आपका नहीं है. निजी कंपनियां भी सुन लें, यह पैसा आपका नहीं है. हम अपना हक और अधिकार लेना जानते हैं. पहले बकाया दें, तब फावड़ा चलाएं, नहीं तो सब फावड़ा बंद हो जायेगा.
कहां गये भाजपा के लोकसभा और राज्यसभा सांसद?
सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा सांसदों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कहां गये भाजपा के लोकसभा और राज्यसभा सांसद? ये सभी गूंगे और बहरे हो गये हैं. पूरा का पूरा विस्थापन का दंश हम झेंले, पर्यावरण का नुकसान हुआ. जंगल काटे गये. कई बीमारियां हुईं. अब ये चालाकी कर रहे हैं. हमने तो कह दिया कि किस मद में कितना पैसा बकाया है. मुख्यमंत्री के पत्र में सारा डिटेल है. इसलिए नाटक न करें. यह तो प्रधानमंत्री को पूरे ब्योरे के साथ दिया गया था. हमारे पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय भी आया.
पीयूष गोयल ने कहा था कि बकाया दिलायेंगे
सुप्रियो भट्टाचार्य ने पूर्व के घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि कोरोना काल की समाप्ति के बाद 2022 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देश के तत्कालीन कोयला मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा था. उसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनके राज्य में कोयला खनन होता है. इससे पर्यावरण का नुकसान होता है. इस मद में झारखंड की रॉयल्टी के रूप में बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये उन्हें दिलायें. इसके बाद तत्कालीन कोयला मंत्री रांची आये. झारखंड मंत्रालय में उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और सार्वजनिक तौर पर कहा था कि झारखंड का बकाया जल्द दे देंगे. इसके बाद पीएम मोदी के नाम भी मुख्यमंत्री ने खुला पत्र लिख कर बकाया मांगा था. अब बिहार के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने केंद्र सरकार से इसकी मांग की है.