जमशेदपुर
राज्य के स्वास्थ्य सचिव बनने के बाद केके सोन पहली बार जमशेदपुर एमजीएम अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे. इस दौरान उनके साथ जिला उपायुक्त सूरज कुमार, सिविल सर्जन, अस्पताल अधीक्षक समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे. उन्होंने अस्पताल अधीक्षक के साथ व्यवस्था के सम्बंध में बातचीत की और हर वार्ड में विजिट किया. अस्पताल में मौजूद कई खामियों को उन्होंने देखा और सम्बंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. इसके पहले स्वास्थ सचिव के आने की सूचना के बाद अस्पताल का नजारा बदला-बदला सा नजर आया. हर जगह साफ सफाई दिख रही थी. कर्मचारी और डॉक्टर सभी दुरुस्त दिखे. जहां प्राय बदइंतजामी व बदहाली का का माहौल रहता था, वहां आज सब कुछ समय से दिख रहा था. इमरजेंसी वार्ड हो अथवा मेल व फिमेड वार्ड सभी दुरुस्त दिखे.
स्टाफ व अधीक्षक ने अपनी-अपनी समस्यायें गिनायी
अनुबंधित कर्मचारियों व अस्पताल संगठन से जुड़े लोगों ने स्वास्थ सचिव के समक्ष अपनी बात रखी और अस्पताल की बदहाली के लिये भी कारणों को गिनाया. स्टाफ की कमी और समय पर मूल्यवान दवाओं का अस्पताल में नहीं पहुंचना भी गम्भीर समस्या बताया गया. सचिव ने सभी की बातों को गम्भीरता से सुना और ध्यान दिये जाने की बात कही. अधीक्षक ने भी अपनी बात कही और स्टाफ की कमी के बावजूद बेहतर सेवा उपलब्ध कराये जाने की बात कही. एमजीएम अस्पताल के बाद स्वास्थ सचिव सीधे एमजीएम मेडिकल कॉलेज पहुंचे. सचिव के साथ उनकी पूरी टीम और जिला उपायुक्त भी थे. कॉलेज पहुंचते ही अफरा-तफरी देखी गयी. पूरे कॉलेज का विजिट करने के बाद सचिव ने कई मुद्दों पर प्राचार्य से बात की कॉलेज में शुरु होने वाली कक्षाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली. सचिव इस दौरान अधा घंटा कॉलेज में रहे कॉलेज की समस्याओं के बारे में जाना.