स्वास्थ्य मंत्री ने सदर अस्पताल में किया सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट का उद्घाटन
जमशेदपुर, 13 फरवरी (रिपोर्टर): स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान चार हजार लोगों को हटाने का उन्हें अफसोस है. उनके लिए फिलहाल 127 करोड़ रुपये दिए गए हैं लेकिन हटाए गए लोगों को निराश होने की जरूरत नहीं है, उनके लिए उपाय किए जाएंगे. उन्हें वापस लेने पर सरकार विचार कर रही है. शनिवार को सदर अस्पताल में बच्चों के लिए बने सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट, एसएनसीयू का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने यह बात कही.
मंत्री ने कहा कि कठिन समय में जिन लोगों को हटाया गया था, उनसे हमारी पूरी हमदर्दी है। आर्थिक कारण थे जिनके चलते यह कदम उठाया गया था। लेकिन वे भी अपने ही हैं जिन्हें काम पर लेकर आना है। चाहे वे पारा मेडिकल के हों या आउटसोर्स के। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए 456 करोड़ रुपये का बजट बनाकर वित्त विभाग को भेजा गया है। इस रकम से राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो सकेगा। कई नई योजनाएं हैं जिसे प्रभावी बनाया जाना है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेहतर बनाए जाएंगे : बन्ना गुप्ता ने बताया कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की बदली हुई तस्वीर नजर आने वाली है। दवा से लेकर अस्पताल तक में सुविधाएं बढ़ाने के लिए काम हो रहा है। जर्जर पड़े सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का ब्योरा एकत्रित करने के लिए कहा गया है, ताकि वहां की स्थिति सुधरे। आने वाले दिनों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर सेवा मिलेगी।
अस्पतालों में सुधार को कोर कमेटी: मंत्री ने कहा कि राज्य में बहुत सारे सीएचसी जर्जर हालत में है। इसके लिए राज्य स्तर पर अधिकारियों की एक कमेटी बनायी गयी है जिन्हें 24 जिलों के काम के लिए अलग से नियुक्त किया गया है। वे खामियों और कमी का विश्लेषण कर अपनी रिपेार्ट देंगे।
घायलों की मदद करने वालों को मिलेगा नकद इनाम : स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि सड़क दुर्घटना के बाद जो व्यक्ति घायल को लेकर अस्पताल ले आता है, उसे उसी वक्त अस्पताल प्रबंधन की तरफ से आर्थिक पुरस्कार दिया जाए। साथ ही यदि वह कानूनी मदद करता है तो उसे भी राशि मिले ताकि वह न्याय का भागीदार बन सके।
नवजातों की मृत्यु दर कम हुई
मंत्री ने कहा कि सदर अस्पताल में बनाये गए सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट से शिशु मृत्यु दर को रोकेगी. उन्होंने कहा कि राज्य में नवजात की मृत्यु दर कम हुई है लेकिन उसे और कम करना का प्रयास किया जा रहा है. शारीरिक रूप से कमजोर माताओं के गर्भपात को रोकना है. सरकार उन्हें सबल बना रही है जिससे वे अपने-अपने बच्चों का पालन पोषण कर सके. इसके लिए एक हजार रुपये से लेकर उन्हें 1400 रुपये तक दिए जा रहे हैं. कमजोर बच्चों को कैसे सबल बनायेंगे उन सभी की चीजों के लिए कार्यशाला का आयोजन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चार हजार ऐले लोग है जिन्हें कोरोना महामारी में सेवा देन के बाद भी हटा दिया गया. उन्होंने नए सचिव को दिशा निर्देश देकर 127 करोड़ रुपये को उस मद में खर्च किया है जिसकी राशि निर्गत हो गयी है. एमसीआई के मानक में चिकित्सक पारा मेडिकल स्टाफ ने मानक तय किया इसके लिए 288 चिकित्सकों की नियुक्ति की जिससे अस्पताल में मरीजों की संख्या बड़ी ै. इससे अस्पतालों में चिकित्सकों की संख्या बढी है।