हरीश रावत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है।
अगले साल उत्तराखंड विधानसभा चुनाव होने को हैं। विधानसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हरीश रावत ने सोमवार को एक के बाद एक ट्वीट कर कहा कि यहां का संगठन नकारात्मक भूमिका निभा रहा है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि है न अजीब सी बात, चुनाव रूपी समुद्र को तैरना है, सहयोग के लिए संगठन का ढांचा अधिकांश स्थानों पर सहयोग का हाथ आगे बढ़ाने के बजाय या तो मुंह फेर करके खड़ा हो जा रहा है या नकारात्मक भूमिका निभा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी लिखा कि जिस समुद्र में तैरना है। सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं।
आगे हरीश रावत ने लिखा कि जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि हरीश रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है! एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा कि फिर चुपके से मन के एक कोने से आवाज उठ रही है “न दैन्यं न पलायनम्” बड़ी उपापोह की स्थिति में हूं, नया वर्ष शायद रास्ता दिखा दे। मुझे विश्वास है
कि भगवान केदारनाथ इस स्थिति में मेरा मार्गदर्शन करेंगे।
बता दें कि हरीश रावत अगले साल होने वाले उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं। विधानसभा चुनाव को देखते हुए ही उन्होंने अक्टूबर महीने में पंजाब कांग्रेस प्रभारी के पद से मुक्त करने की अपील की थी। हरीश रावत ने कहा था कि पंजाब और उत्तराखंड में चुनाव आने वाले हैं। ऐसे में दोनों जगहों पर उन्हें पूरा समय देना होगा। ऐसे में उनके लिए परिस्थितियां कठिन होती जा रही हैं।
जिसके बाद आलाकमान ने उन्हें पंजाब कांग्रेस प्रभारी के पद से मुक्त कर दिया था और उनकी जगह हरीश चौधरी को पंजाब का प्रभारी बनाया गया।