ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट लीक,डमरू,त्रिशूल, कमल, .. मस्जिद में हिंदू संस्कृति के प्रतीक चिह्न

वाराणसी: अदालत में ज्ञानवापी मामले में विशेष कोर्ट कमिश्‍नर विशाल सिंह की पेश रिपोर्ट लीक हो गई है। इसकी कॉपी एक निजी चैनल पर चल रही है। इसमें उन चीजों का जिक्र है जो सर्वे के दौरान टीम को मिली हैं। इसमें हिंदू प्रतीकों के मिलने की बात कही गई है। इसके अलावा सर्वे की दूसरी रिपोर्ट में शिवलिंग का जिक्र किया गया है। इसके अलावा मस्जिद की दीवारों पर कमल, डमरू और त्रिशूल के प्रतीक चिह्न मिलने के बारे में भी रिपोर्ट में बताया गया है। बता दें कि कोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे कराया गया था।
तीन दिन चले सर्वे के बाद कमीशन की रिपोर्ट गुरुवार को कोर्ट को सौंपी गई है। सर्वे के आखिरी दिन हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिला है। इसका मुस्लिम पक्ष ने खंडन किया था और उसे फव्वारा बताया था।
मुस्लिम पक्ष कुंड के बीच मिली जिस काले रंग के पत्थरनुमा आकृति को फव्वारा बता रहा था, उसमें कोई छेद नहीं मिला है। न ही उसमें कोई पाइप घुसाने की जगह है। 2.5 फीट ऊंची गोलाकार आकृति का आकार शिवलिंग जैसी आकृति के ऊपर अलग से सफेद पत्थर लगा हुआ है। उस पर कटा हुआ निशान था। उसमें सींक डालने पर 63 सेंटीमीटर गहराई पाई गई। पत्थर की गोलाकार आकृति के बेस का व्यास 4 फीट पाया गया।

हिंदू पक्षकार ने मुंशी एजाज से फव्वारा चालू करके दिखाने को कहा। लेकिन मुंशी एजाज ने फव्वारा चलाने में असमर्थता जताई। कथित फव्वारे पर मस्जिद कमेटी ने गोल मोल जवाब दिया। कभी उसे 20 साल तो कभी 12 साल से बंद बताया गया।

वहीं, मस्जिद में मुख्य गुंबद के नीचे दक्षिणी खंभे पर स्वास्तिक का चिन्ह मिला। मस्जिद के प्रथम गेट के पास तीन डमरू के चिन्ह मिले। उत्तर-पश्चिम दिशा में 15 बाई 15 फीट का एक तहखाना दिखा, जिसके ऊपर मलबा पड़ा था, वहां पड़े पत्थरों पर मंदिर जैसी कलाकृतियां दिखीं।

सर्वे रिपोर्ट की बड़ी बातें

मस्जिद के भीतर हाथी के सूंड़, त्रिशूल, पान, घंटियां दिखीं। मुख्य गुंबद के नीचे दक्षिणी खंभे पर स्वास्तिक का चिन्ह मिला।
मस्जिद के प्रथम गेट के पास तीन डमरू के चिन्ह मिले। उत्तर-पश्चिम दिशा में 15*15 फीट का एक तहखाना दिखा, जिसके ऊपर मलबा पड़ा था, वहां पड़े पत्थरों पर मंदिर जैसी कलाकृतियां
3 फीट गहरा कुंड मिला। कुंड के चौतरफा 30 टोटियां लगी थीं। कुंड के बीच में लगभग 6 फीट गहरा कुआं दिखा। कुआं के बीचो-बीच गोल पत्थरनुमा आकृति दिखी।
बाहर विराजमान नंदी और अंदर मिले कुंड (जिसके बीचो-बीच एक पक्ष द्वारा शिवलिंग स्थापित बताया गया) के बीच की दूरी 83 फीट 3 इंच है।
कुंड के बीचो-बीच स्थित पत्थर की गोलाकार आकृति (जिसे एक पक्ष द्वारा शिवलिंग कहा गया है) में सींक डालने पर 63 सेमी गहराई मिली। पत्थर की गोलाकार आकृति के बेस का व्यास 4 फीट था।
खंभे में हिंदी भाषा में 7 लाइनों में खुदा हुआ है। चार दरवाजे के स्थान को नई ईंटों से बंद किया गया है। बेसमेंट की दीवार पर सनातन संस्कृति के चिन्ह हैं।

अदालत में पेश की गई रिपोर्ट
फिलहाल अदालत में रिपोर्ट सौंप दी गई है अब प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। हिंदू पक्ष का दावा है कि तस्‍वीरें और विडियो उनके दावे को मजबूत करेगा, जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि सर्वे में कहीं कुछ भी नहीं मिला है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में अंजुमन इंतजामिया कमेटी की ओर से दायर याचिका में मांग थी कि वाराणसी कोर्ट में चल रही सुनवाई पर तुरंत रोक लगाते हुए पुरानी यथास्थिति को बरकरार रखा जाए। याचिका में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 का हवाला दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट आज सभी पक्षों को सुनेगा, जिसमें मुस्लिम पक्ष, हिन्दू पक्ष, यूपी सरकार और वारणसी कोर्ट में याचिका देने वाले वादी भी शामिल हैं।
शुरू से ही था अजय मिश्रा का विरोध
इससे पहले वाराणसी जिला अदालत ने बुधवार को कोर्ट कमिश्‍नर अजय कुमार मिश्रा को उनके पद से हटा दिया। साथ ही तल्‍ख टिप्‍पणी की कि यह जिम्‍मेदारी का पद है जिसमें पारदर्शिता और ईमानदारी जरूरी है। शुरू से ही मुस्लिम पक्ष पूर्व कोर्ट कमिश्‍नर अजय कुमार मिश्रा का विरोध करता रहा था। उसका कहना था कि अजय मिश्रा निष्‍पक्ष नहीं हैं वह हिंदू पक्ष के कहने के अनुसार और हिंदू पक्ष की ही तरह बर्ताव कर रहे हैं। उन्‍हें हटाने की याचिका लेकर मुस्लिम पक्ष कोर्ट में गया था लेकिन अदालत ने अजय मिश्रा को हटाने की जगह विशाल सिंह को स्‍पेशल कोर्ट कमिश्‍नर और अजय प्रताप सिंह को सहायक कोर्ट कमिश्‍नर बना दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कल तक न करें सुनवाई
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टल गई है। मामले में कोर्ट शुक्रवार को दोपहर 3 बजे सुनवाई करेगा। अदालत ने वाराणसी की ट्रायल कोर्ट से कहा है कि आज कोई आदेश न दे। स्‍पेशल कमिश्‍नर की सर्वे रिपोर्ट वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिविजन) की अदालत में पेश की गई है। तस्‍वीरों और सर्वे में हुई नाप-जोख और उसके आधार पर बने नक्‍शे के साथ स्‍पेशल कमिश्‍नर विशाल सिंह ने सिविल जज (सीनियर डिविजन) की अदालत में विस्‍तृत सर्वे रिपोर्ट दाखिल की। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट में याचिकाकर्ता से कल तक कोई गुहार न करने को कहा है। याची ने कहा था कि उनके वकील बीमार हैं और ऐसे में कल तक सुनवाई टाली जाए। कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि विष्णु शंकर जैन बीमार हैं और कल ही डिस्चार्ज होकर आए हैं। वह कोर्ट में पेश होने की स्थिति में नहीं हैं, ऐसे में सुनवाई कल की जाए।

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