गुवा । 8 सितंबर 1980 को गुवा में हुए गोलीकांड में 11 आदिवासी शहीद हो गए। परंतु इस गोलीकांड में गुवा थाना क्षेत्र के बुरुराईका गांव के एक ग्रामीण दूरगोडाय सिरका भी घायल होगए। होंठ के ऊपर से गोली लग कर गाल में छेद करते हुए निकल गया था। इस दौरान उन्होंने बताया कि 1 महीने तक ना ही वह कुछ खा पाया और ना ही पानी पी पाया। उन्होंने आगे बताया कि वह बिना कुछ खाए पीए एक महीना कैसे जिंदा रह गया वह खुद नहीं जान पाया। वह बुरुराइका गांव में फॉरेस्ट के क्षतिग्रस्त घर में रहकर अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं। उसकी आर्थिक स्थिति इतनी काफी दयनीय है कि वह सारंडा के जंगलों से दातुन एवं पत्ता बेच कर अपना जीवन पार्जन कर रहे हैं। वह हर साल श्रद्धांजलि सभा में आकर आस लगाए हैं कि उसे भी सम्मान मिले। परंतु हर बार निराशा ही हाथ लगी है।