Jamshedpur,28 July: ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल, जमशेदपुर अपने पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम की राह पर चल पड़ा हैं. वीरेंद्र राम तो ED की कारवाई के दायरे में आकर जेल चले गए हैं, देखना है जमशेदपुर विशेष प्रमंडल को चला रहे अभियंता की क्या गति होती है.
ग्रामीण कार्य विभाग और सरकार के रोक और मनाही के बावजूद विशेष प्रमंडल द्वारा लगातार जिला योजना मद में अन्य विभागों की योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है. ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा लगातार गत 6 माह में दो-दो आदेश जारी कर जिला स्तर पर अन्य विभागों की योजनाओं को नहीं लेने की मनाही के बावजूद अनेक योजनाओं को लेकर टेन्डर और कमिशन का खेल ढीठ होकर खेला गया.
विभाग का कहना है कि मनाही निदेश के बावजूद विशेष प्रमंडल द्वारा अन्य विभागों की योजनाओं का काम किया जाता है और इस कारण विभाग को अनावश्यक रूप से न्यायालय एवं लोक लेखा समिति का सामना करना पड़ता है. विभाग ने इस क्रम में चेतावनी भी दी कि विशेष प्रमंडल के अभियंताओं के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.लेकिन इस विभागीय चेतावनी का भी कोई असर जमशेदपुर के विशेष प्रमंडल पर अखिर क्यों नहीं हुआ या होता ?
इसके पीछे की स्थिति और खेल बड़ी अफसोसजनक और पूरे सिस्टम को तोड़ मरोड कर कमिशन खाने और योजनाओं के मूल विभाग से क्रियान्वयन और समावेशी विकास की अवधारणा को ही नष्ट करने का पापपूर्ण कृत्य है जिसमें एक से बढ़कर एक दलाल का नेटवर्क और जिला योजनाओं के आवंटन के जिम्मेदार पदाधिकारी की भी पैसों की हवश दिखाई पड़ती है. कमिशन उगाही का नेटवर्क चलाने के लिए ही एक contract पर नियुक्त 18 -20 हज़ार के वेतनमान वाले सहायक engineer को class 2 स्तर के सरकारी अभियंता की जिम्मेदारी वाला प्रभार तक दे दिया गया था, भले सरकारी कार्य नियमावली की धज्जियाँ उड़ रही हो .
अब नए DC को देखना है कि भीतर क्या क्या किसने गुल खिलाए और अनधिकृत रूप से टेन्डर कैसे निकले और सरजमीं पर उनकी क्या हालत है.विभाग को देखना है कि इस दौरान कतिपय ठेकेदारों द्वारा जो कोर्ट केस किया गया उनका सामना कैसे हो और संबंधित जिम्मेदार अभियंता के विरुद्ध क्या नियमानुसार कारवायी हो, क्योंकि उसने विभाग के निर्देशों का खुला उल्लंघन किया है. अभियंता को भी देखना है आका तो आते-जाते रहते हैं और जुबानी आदेश देकर उगाही करा लेते हैं, लेकिन file पर कलम तो उनकी चलती है. जैसे वीरेंद्र राम आज जेल में रो रहे कि सारे पैसे उन्होंने थोड़े रखे, बांट कर जो बचाया वह आज हो रही दुर्गति की तुलना में नाकाफी है.कहीं यह गति हुई तब उन्हें कौन बचाएगा?