कुलपति ने शनिवार को ही किया था भ्रमण
-जमशेदपुर, 15 फरवरी : जिला प्रशासन ने आज रविंद्र भवन के पीछे ग्रेजुएट कॉलेज के लिए चिन्हित जमीन पर बनाए गए धार्मिक स्थल को भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच हटा दिया. इस कार्रवाई में अपर जिला दंडाधिकारी (लॉ एंड ऑर्डर) नंद किशोर लाल क ेअलावा कई प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारी तैनात थे जिनमें जेएनएसी के भी लोग थे.
बताया जाता है कि गत 30 जनवरी को ओमप्रकाश सिंह और राम बाबू सिंह द्वारा पंडाल लगाकर शनिदेव और श्री हनुमान जी की पंचमुखी प्रतिमा की स्थापना की गई थी ,जबकि गत शनिवार को ही कुलपति ने आकर स्थल निरीक्षण किया था. विदित हो कि कॉलेज भवन के निर्माण का शिलान्यास करने के लिये महामहिम राज्यपाल और कुलाधिपति के आने का प्रस्तावित कार्यक्रम है. यह विवाद पिछले कई दिनों से चल रहा था. आज जिस स्थान पर मूर्तियां लगाई गई थी, वहां कोई धार्मिक अनुष्ठान नहीं चल रहा था. दोनों मूर्तियां बांस और टेंट के भीतर बैठाई गई थी. बताया गया है कि मूर्तियों को हटाने के पहले उनकी विधिवत पूजा अर्चना की गई और उन्हें विस्थापित कर स्वर्णरेखा नदी में विसर्जित कर दिया गया. इस संबंध में ओमप्रकाश सिंह ने साकची थाना में शिकायत दर्ज कराई है कि विरुपा रोड में वर्षों पहले से महावीरी चबूतरा एवं झंडा के साथ रामनवमी पूजा का आयोजन होता था. पास के टिस्को क्वार्टरों के टूट जाने के बाद स्थानीय निवासियों द्वारा उसी चबूतरे को बड़ा करते हुए वहां पर बीस दिन पूर्व शनि महाराज एवं हनुमान जी की मूर्ति विधिवत स्थापित की गई थी. लेकिन आज टाटा स्टील के अधिकारी राजीव कुमार, लैंड ऑफिसर अमित कुमार एवं अन्य सुरक्षाकर्मियों ने तोडक़र मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया. ओमप्रकाश सिंह का दावा है कि इस कार्रवाई से शहर में असंतोष और उन्माद फैलने का खतरा हो गया है. खबर है कि हिन्दू संगठन के लोग भी इस कार्रवाई पर भीतर भीतर संगठित होकर विरोध की योजना बना रहे हैं. विधायक के पास भी मामला ले जाया गया है. दरअसल इस मामले को हवा मिलने की एक बड़ी वजह बगल में एक अन्य समुदाय के उपयोग में लाई जा रहे स्थल को मनमाने ढंग से मंत्री की पहल पर सुविधाएं प्रदान करना भी माना जा रहा है. आश्चर्यजनक ढंग से मुख्य सडक़ पर डिवाइडर के रुप में बने ग्रिल को वहां खोल दिया जाना सबकी नजर की किरकिरी बना हुआ है. जुस्को पर एक बड़ा सवाल है कि उसने इन ग्रिलों को क्यों हटाया जबकि आज जिस स्थान से मूर्तियां हटाई गईं वह प्रस्तावित कॉलेज एवम शिलान्यास स्थल से बाहर हो जाएगा। शहर में ऐसे अनेक स्थल हैं जहां पूजा स्थल और देवी देवताओं की मूर्तियां लगे होने के कारण उनका विकल्प तलाश गया। भाजपा के भी इस मामले में कूदने का इंतज़ार हो रहा है।आज समय उक्त स्थल पर पुनः बांस बल्लियों के गाड़े जाने की सूचना पर पता चला कि यह सरस्वती पूजा के लिए हो रहा है। पता नहीं किन कारणों से कंपनी ने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया। मामला केंद्र तक गया तब प्रशासन को जवाब देना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि वहां भाजपा की सरकार है।