केसीसी : कृषि एवं ग्रामीण विकास का समग्र आर्थिक संवृद्धि में अंश और हिस्सेदारी विषय पर सेमिनार
जमशेदपुर, 4 जनवरी (रिपोर्टर) : करीम सिटी कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय ‘कृषि एवं ग्रामीण विकास का समग्र आर्थिक संवृद्धि में अंश और हिस्सेदारी’ विषय पर आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने किया. यह आयोजन नाबार्ड, झारखंड सरकार के उच्च शिक्षा और तकनीकी विभाग और करीम सिटी कॉलेज के सहयोग से किया जा रहा है. सेमिनार में वक्ता के रूप में कोल्हान विवि के कुलपति गंगाधर पांडा, नाबार्ड के महाप्रबंधक गौतम कुमार सिंह, नाबार्ड के अवकाशप्राप्त मुख्य महाप्रबंधक (आर्थिक विश्लेषण व अनुसंधान विभाग) के जे एस सत्यसाई, आदि शामिल थे. मौके पर अतिथियों ने सम्मेलन की स्मारिका और डा. मो. मोज्जम नजरी द्वारा लिखित पुस्तक ‘एलीमेंट्री ऑफ जीएसटी एंड कस्टम्स लॉ’ का विमोचन किया.
राज्यपाल ने कहा कि संसार के सभी देशों में विकास कृषि के विकास के बाद ही संभव हुआ है. औद्योगिक विकास भी कृषि के विकास पर ही निर्भर है. भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए कृषि के विकास को साथ लेकर चलना ही पड़ेगा. सिंचाई संबंधी सुविधाओं के अभाव के कारण मानसून पर निर्भरता, छोटे एवं सीमांत जोत की समस्या, बाजार एवं प्रौद्योगिकी व तकनीक का अभाव के साथ जलवायु परिवर्तन तथा रासायनिक खादों का प्रयोग के कारण भारतीय कृषि में कुछ समस्याएं हैं. आज जब ‘आत्मनिर्भर भारत’ की बात होती है, तो सबसे पहले हमें देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने की ज़्यादा जरूरत दिखती है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में एग्रो स्टार्टअप युवाओं के लिए एक अच्छा अवसर पैदा कर सकता है. किसानों को बड़े बाजार से जोडऩे में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है. डिजिटल तकनीक को किसानों के उत्पाद और बाज़ार से जोडऩे पर चमत्कारिक परिवर्तन देखे जा सकते हैं.
जैविक व प्राकृतिक खेती उपयोगी सिद्ध होगी
राज्यपाल ने झारखंड के किसानों की आर्थिक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कृषि क्षेत्र में उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न मापदंडो के अनुरूप गुणवत्ता में सुधार लाने की आवश्यकता पर जोर दिया. कहा कि इसके लिए जैविक तथा प्राकृतिक खेती उपयोगी सिद्ध होगी. उन्होंने कृषि और कृषि आधारित गतिविधियों के अलावा लघु उद्योग, ग्रामीण पर्यटन आदि को बढ़ावा देने का आह्वान किया. साथ ही नाबार्ड द्वारा किए जा रहे विभिन्न प्रयासों की सराहना करते हुए कृषि और ग्रामीण विकास हेतु सतत प्रयास को और भी गतिशीलता देने को कहा.
ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ते ऋण मुहैया करा रहा नाबार्ड : जीएम
कार्यक्रम के संरक्षक के तौर पर नाबार्ड के महाप्रबंधक (रांची कार्यालय) गौतम कुमार सिंह ने बताया कि विगत दो वर्षो मे नाबार्ड ने झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों मे सस्ते ऋण मुहैया कराने हेतु बैंकों को पुनर्वित्त के रूप में 4450 करोड़ रुपए का ऋण मुहैया कराया है. ग्रामीण क्षेत्रों मे विभिन्न आधारभूत संरचना के निर्माण हेतु प्रत्येक वर्ष राज्य सरकार को लगभग 2200 करोड़ रुपए का ऋण नाबार्ड द्वारा स्वीकृत किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त वर्तमान में नाबार्ड के वित्त पोषण से 55 टीडीएफ, 45 जलछाजन, 190 एफपीओ जैसी परियोजनाओं के अतिरिक्त कौशल विकास और वित्त समावेशन के कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं.
प्राकृतिक स्त्रोतों के सदुपयोग की जरुरत : वीसी
कोल्हान विवि के कुलपति डा. गंगाधर पांडा ने झारखंड में उपलब्ध विभिन्न प्राकृतिक स्रोतों का सदुपयोग कर कृषि आधारित स्वदेशी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
कार्यक्रम में इनकी रही मौजूदगी
इस अवसर उपायुक्त विजया जाधव, एसएसपी प्रभात कुमार, नाबार्ड के डीडीएम (पूर्वी सिंहभूम-सरायकेला खरसावां) सिद्धार्थ शंकर, कॉलेज के प्राचार्य डा. मोहम्मद रेयाज सहित कई शिक्षाविद तथा देश के अलग अलग हिस्सों से आए प्रतिभागी शोधकर्ता उपस्थित थे.