Good Friday: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, क्या है इस दिन का इतिहास…

आज 15 अप्रैल को गुड फ्राइडे है। ईसाई समुदाय का प्रमुख पर्व है। ईसाई धर्म के लोग इस त्योहार को काले दिवस के रूप में मनाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान यीशु मसीह ने अपने प्राण त्यागे थे। इसी वजह से ईसाई धर्म के लोग गुड फ्राइडे के दिन प्रभु ईशु के बलिदान को याद करते हैं। इस दिन को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है। इस दिन इसाई धर्म के लोग यीशु मसीह के क्रूस को याद करते हैं। ये दिन ईसाई धर्म के अनुयायियों के लिए बेहद ही खास होता है। गुड फ्राइडे के अवसर पर लोग गिरिजाघरों में जाकर प्रार्थना करते हैं।  कई लोग प्रभु ईशु की याद में उपवास करते हैं और उपवास के बाद मीठी रोटी बनाकर खाते हैं।ऐसी मान्यता है कि फ्राइडे के दिन क्रूस पर चढ़ाए जाने के बाद तीसरे दिन यीशु मसीह पुनः जीवित हो गए थे, इसी कि खुशी में ईस्टर संडे मनाने के परंपरा है।

गुड फ्राइडे का इतिहास 

गुड फ्राइडे को मनाने के पीछे की मान्यता है कि लगभग दो हजार साल पहले यरुशलम के गैलिली प्रांत में ईसा मसीह लोगों को एकता, अंहिसा और मानवता का उपदेश देते थे। उस दौरान लोग उन्हें ईश्वर मानने लगे थे। लेकिन कुछ लोग ईसा मसीह से चिढ़ते थे। ऐसे लोग धार्मिक अंधविश्वास को फैलाने में विश्वास रखते थे।

उन लोगों ने ईसा मसीह की शिकायत रोम के शास पिलातुस से कर दी जो खुद को ईश्वर का पुत्र बताया करते थे। ईसा मसीह पर धर्म अवमानना और राजद्रोह का आरोप लगा। ईसा मसीह को मृत्युदंड का फरमान सुना दिया गया। उन्हें कांटों का ताज पहनाया गया और चाबुक से मारा गया। इसके बाद उन्हें कीलों की मदद से सूली पर लटका दिया गया। बाइबल के मुताबिक, जिस सूली पर ईसा मसीह को चढ़ाया गया था, उसे गोल गाथा कहा जाता है।

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