Dhanbad, 1 Nov: धनबाद बहुत माफियागिरी और तरह तरह के गैंगवार का गवाह रहा, कोयला की चोरी भी देखी परन्तु इतनी दहाशतगर्दी से नहीं गुजरा कि कोई बदमाश छोटे छोटे गैंग चलाकर आम लोगों और छोटे छोटे कारोबारियों का जीवन तबाह कर दे. आज पानी नाक से ऊपर बहने लगा और जनता अपनी आवाज उठाने के लिए स्वतः स्फूर्ति से बंदी करने के लिए उतारू हो जाए. आज जिले में यही हुआ जब छोटे बड़े 52 संगठनों के आह्वान पर दुकान प्रतिष्ठान बंद रहे. यह अनिश्चित कालीन बंदी का आह्वान है. सम्भव है रात तक अनिश्चित कालीन अवधि को रोक दिया जाय क्योंकि पुलिस ने अपनी कुम्भकर्णी निद्रा तोड़कर धूम धड़ाका दिखाई. जनता को वह कैसे भरोसा दिलाएगी कि अब वह उसकी रक्षा की अपनी जिम्मेदारी को निभाने में सजग रहेगी और सिर्फ माल पिटाई और कोयले की चोरी ही नहीं अपराधियों की भी पिटाई करेगी.
प्रिंस खान के बारे में कहा जाता है कि वह सऊदी में जोर्जिया से बैठकर धनबाद में रंगदारी वसूली का साम्राज्य चलाना चाहता है. वह व्हाट्सप्प पर पहले मैसेज भेजता है, फिर फ़ोन भी करता है, पर्चा भेजता है. दहशत कायम करने के लिए स्थानीय स्तर पर गोली बम चलवाता है. पिछले डेढ़ से अधिक वर्ष से वह इस तरह की वारदात करा रहा. महिषासुर की भांति उसका कोई एक शूटर पकड़ाता है तब दूसरा पैदा करता है. उनका काम गोली मारना और दहाशत फैलाकर वसूली करना है. जिला पुलिस उसपर निरंतर चोट नहीं करती, अलबत्ता जब कुछ हुआ तब धर पकड़ अवश्य कर देती है लेकिन कोई स्थायी असरदार कार्रवाई नहीं हुई. पिछले दिनों एक आसूचना पर ए टी एस ने रांची से आकर चिरकुण्डा से 3 बदमाशों को पकड़ा जो इसी प्रिंस खान के लिए धनबाद में कुछ हत्या की योजना बनाये हुए थे. उधर उनकी गिरफ़्तारी हुई तो रक्तबीज की तरह इधर दूसरे शूटरों से बैंक मोड़ के दुकानदार पर फायरिंग करा दी.
इस बेकाबू हो गयी स्थिति पर कहा जाता है कि कोई अचानक नहीं बिगड़ी. जिला पुलिस अपराध नियंत्रण के बजाय कोयला अभियंत्रण में लगी रही. अवैध खनन से लेकर परिवहन तक प्रतिदिन करोड़ों का खेल होता रहा. पाण्डेय गिरोह का सिक्का चला. अखंड बिहार के समय जिस प्रकार डिस्को पेपर का काम चलता था उसे पीछे छोड़ दिया इस बार कोयला गिरोह ने. पुलिस ने जो बीज बोया उसका फल उसको आज नहीं तो कल चखना पड़ेगा लेकिन फिलहाल आम जन जीवन तबाह हो गया है. आश्चर्य है सरकार और जन प्रतिनिधि भी सिर्फ रस्म निभाने के तौर पर काम करते दिखाई पड़ रहे. कोयले की चोरी धनबाद की नियति है वह अनवरत चलती रही लेकिन क्राइम कंट्रोल बेकाबू हो गया. प्रिंस खान सऊदी में है, इंटरपोल को अलर्ट किया गया, लेकिन न झारखण्ड सरकार, न केंद्रीय गृह मंत्रालय इसपर गंभीरता से काम कर रही.
प्रिंस खान कुख्यात वासेपुर गैंग के सजायाफ्ता फहीम खान का भगीना है. फहीम जमशेदपुर की जेल में ही सजा काट रहा. मामा भगीना में वर्चस्व की लड़ाई चलती है. फिलहाल पुलिस ने प्रिंस खान के वासेपुर घर की कुर्की कर उसे खंगाल दिया है. उसके परिजन भी धनबाद से भागे हुए हैं.