गुरुवार को सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद अशोक गहलोत ने कहा कि वो कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे. यानी इस रेस से उन्होंने खुद को बाहर कर दिया. लेकिन क्या वो राजस्थान के सीएम बने रहेंगे, इस पर अब 48 घंटे के भीतर फैसला होना है.
राजस्थान में कांग्रेस के ऊपर से सियासी संकट के बादल अभी पूरी तरह नहीं छटे हैं. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष एक-दो दिन में फैसला लेंगी.
अशोक गहलोत ने जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने और संबंधित घटनाक्रम के लिए अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगी और कहा कि वह अब अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे. सोनिया गांधी के आवास ‘10 जनपथ’ पर उनसे मुलाकात के बाद गहलोत ने यह भी कहा कि उनके मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के बारे में फैसला सोनिया गांधी करेंगी. पार्टी की राजस्थान इकाई में संकट पैदा होने के बाद गहलोत पहली बार दिल्ली पहुंचे हैं.
अशोक गहलोत ने कहा, ‘‘मैं पिछले 50 वर्षों से कांग्रेस का वफादार सिपाही रहा हूं…जो घटना दो दिन पहले हुई उसने हम सबको हिलाकर रख दिया. मुझे जो दुख है वो मैं ही जान सकता हूं. पूरे देश में यह संदेश चला गया कि मैं मुख्यमंत्री बने रहना चाहता हूं इसलिए यह सब हो रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ दुर्भाग्य से ऐसी स्थिति बन गई कि प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया. हमारी परंपरा है कि एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया जाता है. दुर्भाग्य से ऐसी स्थिति बन गई कि प्रस्ताव पारित नहीं पाया. मैं मुख्यमंत्री हूं और विधायक दल का नेता हूं, यह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया. इस बात का दुख मुझे हमेशा रहेगा. मैंने सोनिया जी से माफी मांगी है.’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ मैंने तय किया है कि इस माहौल के अंदर अब चुनाव नहीं लड़ूंगा. यह मेरा फैसला है.’’ उनके अनुसार, राहुल गांधी यात्रा पर निकले हैं और वह शांति, सद्भाव और भाईचार का संदेश दे रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने राहुल जी से कहा था कि वह चुनाव लड़े. उन्होंने अस्वीकार कर दिया. फिर मैंने कहा था कि चुनाव लड़ूंगा. अब मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा.’’
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सोनिया गांधी से करीब डेढ़ घंटे की मुलाकात हुई। मीटिंग के बाद गहलोत ने साफ कर दिया कि वे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ बैठकर मैंने बात की है। मैंने हमेशा वफादार सिपाही के रूप में काम किया है। विधायक दल की बैठक के दिन हुई घटना ने सबको हिलाकर रख दिया। ऐसा लगा जैसे कि मैं मुख्यमंत्री बना रहना चाहता हूं, इसलिए मैंने उनसे माफी मांगी है।
गहलोत ने गुरुवार को सोनिया से मुलाकात के बाद मीडिया से कहा- ‘हमारे यहां हमेशा से परंपरा रही है कि हम आलाकमान के लिए एक लाइन का प्रस्ताव पास करते हैं। मुख्यमंत्री होने के बावजूद मैं यह एक लाइन का प्रस्ताव पास नहीं करवा पाया, इस बात का दुख रहेगा। इस घटना ने देश के अंदर कई तरह के मैसेज दे दिए।’
गहलोत जब सोनिया से मिलने जा रहे थे तो उनके हाथ में कुछ कागज थे। उसमें हाथ से लिखा हुआ माफीनामा था। यह कैमरे में कैद हो गया। इसमें हाथ से कुछ पॉइंट्स लिखे हुए थे। जिसमें सबसे ऊपर था ‘जो कुछ हुआ उसका दुख है, इससे मैं बहुत आहत हूं’।
इसके साथ ही तीसरे पॉइंट पर सचिन पायलट (SP), सीपी जोशी (CP) सहित चार लोगों के नाम शॉर्ट फॉर्म में भी लिखे हुए थे।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष और राजस्थान CM विवाद के बीच दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को कहा कि वे अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे। दिग्विजय दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर पहुंचे। उन्होंने कहा कि मैं यहां नामांकन फॉर्म लेने आया हूं और कल नामांकन करूंगा।