गंगा मेमोरियल में नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का समापन
जमशेदपुर, 8 मई
राज्यपाल के प्रधान सचिव डा नितिन मदन कुलकर्णी ने आज गंगा मेमोरियल अस्पताल में आयोजित नि:शुल्क चिकित्सा शिविर के समापन के अवसर पर कहा कि आज के समय में ऐसा डाक्टर कहां मिलेगा, जो मुफ्त में जांच भी करते और सर्जरी भी। यहां तक की एंबुलेंस से मरीजों को घर तक भी पहुंचा देते। उन्होंने कहा कि डा. नागेंद्र सिंह समाज के लिए मिसाल हैं। इनसे दूसरे चिकित्सकों, खासकर युवा चिकित्सकों को भी सीखनी चाहिए। समापन समारोह में का दीप प्रज्जवित कर उद्घाटन मुख्य अतिथि राज्यपाल के प्रधान सचिव डा. नितिन मदन कुलकर्णी, विशिष्ट अतिथि जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी व सीनियर एसपी प्रभात कुमार ने किया।
डा कुलकर्णी ने कहा कि डा. नागेंद्र जैसे लोगों की वजह से ही मानवता जिंदा है। डा कुलकर्णी ने डा सिंह को सेवा और मानवता की प्रतिमूर्ति बताते हुए कहा कि चिकित्सा ही ऐसा पेशा है जहां शपथ दिलाई जाती है. हरकोई पैसे केलिये काम करता है लेकिन जो सेवा भाव से काम करता है और काम का आनंद उठाता है वही चैन की नींद सोता है। उन्होंने कहा कि लेने वाले को कुछ देर के लिये सुख मिलता है लेकिन देने वाला हमेशा सुखी होता है। और चैन की नींद सोता है। आपको तय करना है कि आप कौन तरीका अपनाते हैं। उन्होंने कहा कि आज चिकित्सा काफी महंगी हो गई है। ऐसे में लोगों की सेवा का यह तरीका सराहनीय है।
डा कुलकर्णी ने कहा कि जमशेदपुुर में सेवा को तत्पर लोग रहते हैं। यहां सेवा का वाइव मिलता है।
डिमना रोड स्थित गंगा मेमोरियल हास्पिटल में सोमवार को घाटशिला, धालभूमगढ़, बहरागोड़ा सहित अन्य जगहों से दर्जनों लोग पहुंचे थे। ये वैसे लोग थे जिन्हें डा. नागेंद्र सिंह ने मुफ्त में सर्जरी कर उनकी जान बचाई है। इसमें कोई किसान था तो कोई मजदूरी का काम करते हैं।
गंगा मेमोरियल हास्पिटल के सर्जन डा. नागेंद्र सिंह अपनी मां की याद में हर साल गरीब मरीजों का मुफ्त सर्जरी करते हैं।
डा. नागेंद्र सिंह ने कहा कि उनके पिता का निधन इलाज के अभाव में हो गया था। तब मां, जो चरखा काटती थी, ने मुझे डाक्टर बनाने का सपना देखा । जब डाक्टर बन गया तो मां ने कहा था कि गरीबों का इलाज पैसा की वजह से कभी नहीं रोकना। उसके बाद मैंने गरीबों के लिए अपना दरवाजा सदा के लिए खोल दिया। मां का निधन दो मार्च 1997 में हुई। उसके बाद उनकी याद में हर साल एक शिविर आयोजित कर गरीबों की मुफ्त सर्जरी की जाती है। इस साल 400 मरीजों का सर्जरी करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें 365 का हो चुका है। अभी तक डा. नागेंद्र सिंह 15 हजार से अधिक मरीजों को नि:शुल्क सर्जरी कर चुके हैं। इस अवसर पर आइएमए के अध्यक्ष डा. जीसी माझी, एमजीएम के उपाधीक्षक डा. नकुल प्रसाद चौधरी, डा. उमेश खां, डा. निर्मल कुमार, डा. दिलीप कुमार, डा. ललित मिंज, डा. अभिषेक मुंडू, डा. मंजुला श्रीवास्तव, डा. ईशानी सहित अन्य उपस्थित थे।पद्मश्री छुटनी महतो को इस मौके पर सम्मानित किया गया।
सामान्य लोगों केलिये चिकित्सा हो गई है अनएफर्डेबल- एसएसपी प्रभात कुमार
वरीय आरक्षी अधीक्षक प्रभात कुमार ने कहा कि आज चिकित्सा सामान्य लोगों के लिए अनएफॅर्डेबल हो गया है ।इस परिस्थिति में डॉ नागेंद्र सिंह द्वारा ऐसे शिविर का लगाया जाना दर्शाता है कि आप जैसे डॉक्टर के कारण ही लोग चिकित्सक को भगवान का रूप मानते हैं। श्री कुमार ने कहा कि चिकित्सा इतनी महंगी हो गई है कि सामान्य परिवार के लोग या गरीब परिवार के लोग चिकित्सा अफोर्ड नहीं कर पाता। कई लोग पैसे के अभाव में जान दे देते हैं। उन्होंने कहा कि आज हमारे पास यदि 200 फोन कॉल आते हैं तो इसमें 10-15 ऐसे जरूर होते हैं कि टीएमएच में या तो दाखिला दिला दीजिए या वहां का बिल माफ करा दीजिए। इस परिस्थिति में ऐसे शिविर का लगाया जाना और करीब 400 लोगों का निशुल्क ऑपरेशन किया जाना काफी सराहनीय है। डॉक्टरों को भगवान कहा जाता है और डॉक्टर नागेंद्र सिंह इसे चरितार्थ कर रहे हैं। एसएसपी ने कहा कि यह देखा जाता है कि आज समाज में लोग किसी के स्टेटस को इस बात से आंकते हैं कि वह किस गाड़ी से आ रहा ह,ै कैसे होटल में ठहरता ह,ै कैसे कपड़े पहनता है। इस सोच की संरचना को बदलने की जरूरत है । मेरा अनुभव बताता है कि समाज के लिए कुछ अच्छा करने वाले लोगों में अधिकांश ऐसे हैं जिनका बैकग्राउंड लोअर मिडिल क्लास या सामान्य परिवार का है। उनकी सोच मनी ओरिएंटेड नहीं होती।आज यह दुर्भाग्य की बात है कि हमारी सोच यूनी डायरेक्शन हो गया है।
डा सिंह को पद्मश्री सम्मान दिये जाने की मांग
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए समाजसेवी विकास सिंह ने डा एन सिंह को उनकी सेवा के लिये पद्म श्री से सम्मानित किये जाने की मांग डा कुलकर्णी के सामने रखी जिसका सभी ने समर्थन किया