दो नामजद व 16-17 अन्य पर हुई थी प्राथमिकी, दो नाबालिग समेत 12 हुए थे गिरफ्तार
राष्ट्रीय महिला आयोग ने दुमका के घासीपुर में हुए इस शर्मनाक घटना का लिया था स्वतः संज्ञान
दुमका , जिले के द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार मिश्रा के न्यायालय ने पति को बंधक बना कर उसकी 35 वर्षीय पत्नी के साथ दिसम्बर 2020 में मुफस्सिल थाना केस नं 180/20 के मामले में क्षेत्र के घासीपुर गांव में किये गये सामुहिक दुष्कर्म मामले में दसों अभियुक्तों को 25 साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी है। दुमका के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के घासीपुर गांव में 08 दिसम्बर 2020 को हुए गैंगरेप के इस मामले का राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए झारखण्ड के डीजीपी को समयबद्ध ढंग से इस मामले की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
इस मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया था जिनमें से दो नाबालिग थे जिनका मामला जेजेबी में चल रहा है। जिन अभियुक्तों को सजा सुनायी गयी है उनमें मंगल मुर्मू उर्फ मामू, मनोज मोहली, मनोज मोहली-2, बोदीलाल मोहली, संतोष हेम्ब्रम उर्फ मोहली, विकास मोहली शामिल हैं। गैंगरेप के 10 अभियुक्तों को कोर्ट ने सोमवार को दोषी करार दिया था। मंगलवार को सजा की बिन्दु पर अभियोजन पक्ष की ओर से पीपी चंपा कुमारी और बचाव पक्ष की अधिवक्ता सोमा गुप्ता की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने दसों अभियुक्तों को भादवि की धारा 376डी (गैंगरेप) में 25 साल की कैद और जुर्माना की सजा सुनायी। जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर ढाई वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इसके अलावा भादवि की धारा 354/34 में पांच साल की कैद व जुर्माना तथा जुर्माना नहीं देने पर एक साल का अतिरिक्त कारावास और 342/34 में एक साल की कैद व जुर्माना तथा जुर्माना नहीं अदा करने पर एक माह की अतिरिक्त कारवास की सजा भी सुनायी गयी है।