First Quad Summit: क्वॉड समिट में दिखी ‘नमस्ते’ डिप्लोमेसी,भारत की गूंज

वॉशिंगटन
एशिया प्रशांत क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए बने क्वॉड गठबंधन की पहली समिट में भारत की गूंज सुनाई दी। इस समिट के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत के बढ़ती ताकत की तारीफ की। उन्होंने कहा कि क्वॉड हिंद प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए अहम कार्यक्षेत्र है।क्वॉड के सदस्य देश कोरोना वायरस वैक्सीन निर्माण के लिए आपसी सहयोग बढ़ाएंगे। वहीं ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन ने अपने भाषण की शुरुआत ही नमस्ते से की। जापान के पीएम योशिहिडे सुगा ने भी कई बार भारत का नाम लेते हुए उसे इंडो पैसिफिक क्षेत्र की बड़ी ताकत बताया।
सभी सहयोगियों के साथ काम करने के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध
बाइडन ने कहा कि अमेरिका इश क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए आपके और हमारे सभी सहयोगियों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह समूह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह व्यावहारिक समाधान और ठोस परिणामों के लिए समर्पित है।
मॉरिसन ने सहयोग बढ़ाने की जरूरत पर दिया जोर
मॉरिसन ने कहा कि चारों देश एक नया भविष्य तैयार करें। समावेशी हिंद प्रशांत क्षेत्र बनाए रखने के लिए आपस में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि इंडो-पैसिफिक अब 21 वीं सदी में दुनिया के भाग्य का निर्धारण करेगा। चीन पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि महान लोकतंत्रों के चार नेताओं के रूप में हमारी साझेदारी शांति, स्थिरता और समृद्धि का प्रतीक है।
पीएम मोदी ने वसुधैव कुटुंबकम को बताया मूलमंत्र
पीएम नरेंद्र मोदी ने इस बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मैं क्वॉड के इस सकारात्मक दृष्टि को भारत के प्राचीन दर्शन ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के विस्तार के रूप में देखता हूं। हम पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में मानते हैं। उन्होंने कहा कि हम साझा मूल्यों को आगे बढ़ाते हुए एक निरपेक्ष, स्थिर और समृद्ध इंडो-पैसिफिक की स्थापना करेंगे।

है क्‍वॉड जानिए
द क्वॉड्रिलैटरल सिक्‍यॉरिटी डायलॉग (क्‍वॉड) की शुरुआत वर्ष 2007 में हुई थी। हालांकि इसकी शुरुआत वर्ष 2004-2005 हो गई जब भारत ने दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों में आई सुनामी के बाद मदद का हाथ बढ़ाया था। क्‍वाड में चार देश अमेरिका, जापान, ऑस्‍ट्रेलिया और भारत शामिल हैं। मार्च में कोरोना वायरस को लेकर भी क्वॉड की मीटिंग हुई थी। इसमें पहली बार न्यूजीलैंड, द. कोरिया और वियतनाम भी शामिल हुए थे।

चीन कर रहा है विरोध
इस समूह के गठन के बाद से ही चीन चिढ़ा हुआ है और लगातार इसका विरोध कर रहा है। लद्दाख में चल रहे सैन्‍य तनाव के बीच चीन का सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स भारत को लगातार धमकी दे रहा है। साथ ही नसीहत दे रहा है कि भारत क्‍वॉड से दूर रहे और गुटन‍िरपेक्षता की अपनी नीति का पालन करे।

Share this News...