पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर परिसर में गोलियां चलाई गईं, जहां पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल सहित शिरोमणि अकाली दल के नेता श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से घोषित धार्मिक दंड के तहत 2 दिसंबर को ‘सेवा’ कर रहे थे. इस फायरिंग में सुखबीर सिंह बादल बाल-बाल बच गए हैं. आरोपी नारायण सिंह चौड़ा की ओर से सुखबीर सिंह बादल को गोली मारने की कोशिश की गई, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने सतर्कता दिखाते हुए उसे काबू में कर लिया.
घटना को लेकर एडीसीपी हरपाल सिंह ने कहा कि यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे. सुखबीर सिंह बादल को पहले कवर किया गया था. मैं सुबह सात बजे ही यहां आ गया था. नारायण सिंह चौरा (हमलावर) कल भी यहीं था, पहले ये गुरुघर मत्था टेकने के लिए गया था. इसके बाद बाहर आकर उसने फायरिंग की, लेकिन वो सीधी फायरिंग इसलिए नहीं कर पाया, क्योंकि वहां हमारे जवान मौजूद थे. किसी को कोई गोली नहीं लगी है.
श्री अकाल तख्त साहिब ने बादल को सुनाई है सजा
बता दें कि पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से सुनाई गई सजा को भुगतने के लिए स्वर्ण मंदिर परिसर में पहुंचे हैं. मंगलवार को भी वे सुबह 9 बजे से 12 बजे तक सुबह 9 बजे से 12 बजे तक स्वर्ण मंदिर में रहे. करीब एक घंटे तक उन्होंने घंटाघर के बाहर सेवादार के कपड़े पहनकर और बरछा पकड़कर पहरेदारी की. इसके बाद उन्होंने एक घंटे तक कीर्तन सुना और आखिर में जूठे बर्तनों को साफ किया.
उनके अलावा पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया और सुखदेव सिंह ढींढसा ने भी जूठे बर्तन साफ किए. वहीं पार्टी नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा, सुरजीत सिंह रखड़ा, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, महेश इंदर ग्रेवाल ने टॉयलेट साफ किया. सुखबीर सिंह बादल को भी टॉयलेट साफ करने की सजा दी गई थी लेकिन उनके पैर में फ्रैक्चर होने की वजह से उन्हें इससे छूट दी गई.