नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना में कुछ ऐसा हुआ है जो पहले कभी नहीं हुआ। एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है। तस्वीर को देख और उसके बारे में जानकर आपको भी गर्व होगा। एक पिता और पुत्री की जोड़ी अपनी खास उपलब्धि के लिए चर्चा में है।
फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या शर्मा अपने पिता फाइटर पायलट के साथ उड़ान भरने वाली पहली महिला भारतीय पायलट बन गई हैं। भारतीय
वायुसेना का हॉक-132 एयरक्राफ्ट उड़ाने वाली पहली पिता-पुत्री की जोड़ी है। अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए अनन्या शर्मा ने ऐसी उपलब्धि हासिल की है जिससे उनके पिता को भी काफी गर्व है।
एयर कमोडोर संजय शर्मा और उनकी बेटी अनन्या शर्मा ने 30 मई को यह उड़ान भरी। भारतीय वायुसेना में यह पहला मौका है और पिता-पुत्री की जोड़ी ने इतिहास रच दिया है। भारतीय वायुसेना के मुताबिक कर्नाटक के बीदर में एक हॉक-132 एयरक्राफ्ट से उड़ान भरी। सोशल मीडिया पर पिता और बेटी की तस्वीर वायरल हो रही है।
अनन्या शर्मा बड़े होते हुए अपने पिता को भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट के तौर पर देखा। उनकी दूसरे पायलट के साथ जैसी बॉन्डिंग को देखा। भारतीय वायुसेना के इस माहौल में में पली-बढ़ी अनन्या ने किसी दूसरी नौकरी की कल्पना नहीं की थी। आगे चलकर उन्होंने जो सोचा वही हुआ। इन सबके बीच कुछ ऐसा हुआ जो पहले कभी नहीं हुआ था।
2016 में आईएएफ पहली महिला फाइटर पायलट के सेवा में आने के बाद अनन्या ने भी देखा कि सपना अब पूरा करने की एक संभावना है। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बीटेक पूरा करने के बाद अनन्या को भारतीय वायुसेना की उड़ान शाखा के प्रशिक्षण के लिए चुना गया था। दिसंबर 2021 में एक फाइटर पायलट के रूप में कमीशन दिया गया। अनन्या के पिता एयर कमोडोर संजय शर्मा को 1989 में ढ्ढ्रस्न के फाइटर स्ट्रीम में कमीशन किया गया था। उन्हें लड़ाकू अभियानों का व्यापक अनुभव है।
साल 2016 में भारतीय वायुसेना में पहली बार 3 महिला फाइटर पायलट शामिल हुईं। साल 2015 अक्टूबर महीने में भारत सरकार ने भारतीय वायुसेना में महिला लड़ाकू पायलटों को शामिल करने की मंजूरी प्रदान की थी। 1991 से ही वायुसेना में महिलाएं हेलिकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ाती आ रही थीं लेकिन इनको लड़ाकू विमानों से दूर ही रखा गया था।