नई दिल्ली
नेशनल कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन और जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। बुधवार को उनके एक बयान पर खूब नाराजगी जताई गई। फारूक ने यह बयान अफगानिस्तान में बनी तालिबान की नई सरकार के संबंध में दिया है। बुधवार को उन्होंने उम्मीद जताई कि तालिबान अफगानिस्तान में अच्छा शासन देगा। अपेक्षा है कि इस्लामिक सिद्धांतों को मानते हुए नई सरकार मानवाधिकारों की रक्षा करेगी। सत्तारूढ़ भाजपा ने भी फारूक के बयान पर नाराजगी जताई है।
क्या बोले फारूक?
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद बनी नई सरकार के संबंध में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि तालिबान मानवाधिकारों का सम्मान करेगा। सभी देशों के साथ मित्रतापूर्ण संबंधों पर जोर देगा। अब्दुल्ला बोले, ‘तालिबान ने नियंत्रण कर लिया है और अब उन्हें देश की देखभाल करनी है। मुझे उम्मीद है कि वे सभी के साथ न्याय करेंगे। उन्हें सभी देशों के साथ मित्रतापूर्ण संबंधों पर जोर देना चाहिए।’
बरस पड़े लोग
इस बयान के तुरंत बाद माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर फारूक अब्दुल्ला ट्रेंड करने लगे। लोगों का उन पर गुस्सा फूट पड़ा। एक यूजर ने लिखा- ‘यह दोगलेपन की इंतहा है। भारत में सेक्युलर शासन रहे। लेकिन, अफगानिस्तान में मुस्लिम नियम से शासन रहे? कहां से लाते हो ऐसा तर्क? सबसे बड़ा देश के लिए खतरा तुम हो।’ कुछ ने कहा कि अब्दुल्ला गलत उम्मीद लगा रहे हैं। तालिबान से जस्टिस की उम्मीद की ही नहीं जा सकती है। तालिबान सरकार बनी ही आतंकियों से है। इनमें से 2 मोस्ट वॉन्टेड सूची में है।
भाजपा ने भी किया हमला
भाजपा नेता और कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम निर्मल सिंह ने अब्दुला के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि फारूक का बयान शर्मिंदा करने वाला है। महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर तालिबान का अत्याचार दुनिया ने देखा है। वह उन लोगों में हैं जो उन्हीं देशों में सेक्युलरिज्म देखना चाहते हैं जहां मुस्लिम आबादी अल्पसंख्यक है।
अमेरिका ने की है कड़ी निंदा
अब्दुल्ला का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका ने अफगानिस्तान में बनी अंतरिम सरकार की कड़ी अलोचना की है। अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के शीर्ष सांसदों ने अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार बनाने की तालिबान की घोषणा पर घोर आपत्ति जताई है। रिपब्लिकन अध्ययन समिति ने कहा,’मूर्ख मत बनिए। तालिबान सरकार में कुछ भी अधिक उदारवादी नहीं है। यह आतंकवादियों की, आतंकवादियों के द्वारा और आतंकवादियों के लिए सरकार है।’ तालिबान ने अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार बनाने की मंगलवार को घोषणा की।
छवि सुधारनी होगी- महबूबा
अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार पर पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि तालिबान को अपनी पुरानी छवि सुधारनी होगी। तालिबान को असली शरिया का पालन करना होगा, जो कुरान शरीफ में है जिसमें महिलाओं के हक हैं। न कि वो जिसे तालिबान बताता है।