रांची
झारखंड हाईकोर्ट ने झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह को दुमका जेल से धनबाद जेल वापस लाने का आदेश दिया है। जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने दो सप्ताह में निचली अदालत के आदेश के अनुपालन करने का आदेश दिया है। निचली अदालत ने संजीव सिंह को दुमका से धनबाद जेल वापस लाने का आदेश दिया था।
इस मामले में अदालत ने दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद पांच जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया। शुक्रवार को अदालत ने संजीव सिंह को दुमका जेल से धनबाद जेल वापस लाने का निर्देश दिया।
बिना अदालत की अनुमति के किया गया था शिफ्ट
पूर्व में सुनवाई के दौरान अधिवक्ता चंचल चैन ने अदालत को बताया था कि विचाराधीन कैदी को किसी दूसरी जेल में भेजने से पहले संबंधित निचली अदालत से अनुमति लेना अनिवार्य है, लेकिन इस मामले में बिना निचली अदालत के अनुमति के ही संजीव सिंह को धनबाद जेल से दुमका जेल भेज दिया गया।
शिफ्ट करने के बाद सरकार की ओर से मांगी गई थी अनुमति
संजीव सिंह को दुमका भेजने के बाद सरकार की ओर से निचली अदालत से अनुमति मांगी गई, लेकिन कोर्ट ने उनके आवेदन खारिज कर संजीव सिंह को वापस धनबाद जेल लाने का आदेश दिया। इसके बाद भी संजीव सिंह को दुमका जेल में ही रखा गया है। निचली अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं करना अवमानना है। इस मामले में संजीव सिंह व सरकार दोनों याचिका दाखिल की है।
5 महीने पहले भेजा गया था दुमका सेंट्रल जेल
5 महीने पहले संजीव सिंह को धनबाद से दुमका सेंट्रल जेल भेज दिया गया था। जेल प्रशासन ने धनबाद जेल में संजीव की जान को खतरा बताते हुए दुमका सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया है। हालांकि समर्थकों का आरोप था कि यह सब झरिया की विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के दबाव में किया गया है। पूर्णिमा अपने पति नीरज की हत्या का बदला ले रही है। संजीव पर ही धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या की साजिश रचने का आरोप है।