सुबह – सुबह चांडिल डैम पहुंचा एक हाथी, नदी के ठंडे पानी में गोते लगाए – डैम का गेट तोड़ा

चांडिल। अनुमंडल में हाथियों का प्रकोप बदस्तूर जारी है। आए दिन हाथी द्वारा मकान तोड़े जा रहे हैं, फसल बर्बाद किया जा रहा। वहीं, इंसानों को भी जान गंवानी पड़ी रही हैं। बीते 11 नवंबर को ही हाथी द्वारा कुचलकर एक दस वर्षीय बच्चे को जान से मार दिया गया था। तिरुलडीह थाना के दाटम गांव के टोला बनघर के रहने वाले दस वर्षीय लालमोहन महतो को घर के समीप ही हाथी ने मार डाला था।
आज सुबह सुबह एक हाथी चांडिल डैम पहुंचा। यहां डैम के नीचे हाथी ने सुवर्णरेखा नदी के ठंडे पानी में काफी देर तक गोते लगाए, मौज मस्ती के साथ नहाया। उसके बाद हाईडल के बगल से होते हुए डैम के ऊपर चढ़ा। नौका विहार क्षेत्र के द्वार पर लगी गेट को हाथी ने अपने सूंड से खींचकर तोड़ दिया। वहीं, नौका विहार क्षेत्र होते हुए डैम किनारे से आगे जंगल की ओर चला गया।

कल शाम कुकडू क्षेत्र में देखा गया था

बताया जाता है कि कल शाम इसी दो दांत वाले हाथी को कुकडू प्रखंड के कारकीडीह में देखा गया था। जो संभवतः सुबह तक डैम पहुंचा है। लोगों ने हाथी को बोराबिंधा के रास्ते से निकलते हुए देखा। मुखिया होटल से डैम तरफ आने वाली सड़क पर मटरगश्ती करते हुए हाथी सीधे सुवर्णरेखा नदी पहुंचा और नदी में जमकर मस्ती की। बाद में डैम के नीचे स्थित सुवर्णरेखा नदी पुल पार कर हाईडल होते हुए सीधे डैम पर चढ़ गया। यहां डैम का गेट तोड़ते हुए नौका विहार की ओर गया, जहां से डैम किनारे होते हुए जंगल की ओर आगे बढ़ गया।

इस समय चांडिल डैम में पर्यटकों का आना शुरू हो गया है। पिकनिक मनाने के लिए डैम पर रोजाना हजारों पर्यटन आते हैं। ऐसे में डैम क्षेत्र से हाथी को भगाना अत्यंत आवश्यक है, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता है। कहना मुश्किल है कि हाथी कब आएगा और कब जाएगा। क्या पता हजारों पर्यटकों के बीच ही आ जाए और हमला कर दे।

अभी हाथियों के प्रकोप को देखते हुए वन विभाग की टीम कुकडू में कैंप लगाकर लोगों को राहत देने का प्रयास कर रही हैं तो दूसरी ओर हाथी इधर चांडिल डैम पहुंच चुकी हैं। ग्रामीणों के अनुसार इन दिनों चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में हाथियों का दो झुंड विचरण कर रहे हैं। जिसमें से एक हाथी अकेले विचरण कर रहा है, जबकि दूसरे झुंड में पांच – छह हाथी हैं।

2021 – 2022 में वन विभाग ने अबतक 81 लाख रुपए खर्च किए
चांडिल अनुमंडल में 2021 – 22 में वन विभाग ने अबतक 81 लाख रुपये से अधिक राशि खर्च की है। हाथियों द्वारा किए जाने वाली नुकसान के एवज में विभाग क्षतिपूर्ति मुआवजा देती हैं। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 2021 – 22 में 81 लाख 7 हजार 720 रुपये अबतक खर्च हो चुके हैं। अभी हाथियों का प्रकोप जारी है। लोग डरे सहमे हुए हैं। बीते दिनों विपक्षी दल आजसू द्वारा वन क्षेत्र पदाधिकारी का कार्यालय घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया गया था। आजसू ने हाथियों को भगाने के लिए विभाग को चेतावनी दी है, अन्यथा उग्र आंदोलन की बात कही है।

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