मानगो फ्लाईओवर पर लगा ग्रहण ,फिर एक बार टला शिलान्यास

मानगो फ्लाईओवर पर लगा ग्रहण दूर होने का नाम ही नहीं ले रहा । आज मुख्यमंत्री हैं चंपाई सोरेन के हाथों इस बहुप्रतीक्षित फ्लाइ ओवर का शिलान्यास होना था लेकिन ऐन वक्त पर इसे टाल दिया गया। आयोजन तो हुआ मगर फ्लाई ओवर की बात गुम हो गई । किसी ने मंच से उसका जिक्र तक नहीं किया । इस प्रस्तावित शिलान्यास को लेकर मानगो मेंआज आयोजन किया गया था और सुरक्षा को देखते हुए मानगो चौक से पारडीह चौकतक की सडक़ को अपराह्न एव बजे से शाम सात बजे तक बंद रखा गया। मानगो वासियों ने यह सोचकर इस परेशानी को झेलने को तैयार थे कि उनको बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। स्वास्थ्य मंत्री सह स्थानीय विधायक बन्ना गुप्ता लंबे समय से इस फ्लाईओवर को लेकर प्रयासरत है। इसके लिए टेंडर भी हो चुका है मगर शिलान्यास नहीं हो पा रहा। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जरूर करीब 3 साल पहले गोपाल मैदान से इसका शिलान्यास किया था मगर काम शुरू नहीं हो पाया। पिछले दोनों लोकसभा चुनाव की घोषणा के ठीक पूर्व भी इस प्रस्तावित फ्लाईओवर के शिलान्यास का कार्यक्रम बना था । वहां पंडाल का भी निर्माण हो गया । उपायुक्त में स्थल का निरीक्षण भी कर लिया। लेकिन पंडाल खोल दिया गया। कार्यक्रम नहीं हुआ। मुख्यमंत्री आए भी लेकिन मुआयना कर चले रहे। बाद में स्वास्थ्य मंत्री बना गुप्ता कार्यालय से बयान जारी कर बताया गया कि फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है मगर हकीकत में अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।
आज इसकी झलक आयोजन स्थल पर साफ तौर पर देखने को मिली मुख्यमंत्री का कार्यक्रम इस फ्लाईओवर निर्माण के लिए ही मानगो में निर्धारित था लेकिन जैसे ही पता चला कि फ्लावर का शिलान्यास नहीं होने जा रहा ही अचानक भीड़ कम हो गई। कांग्रेसियों में तो कोई उत्साह दिखाई नहीं रहा । स्वास्थ्य मंत्री बना गुप्ता का बॉडी लैंग्वेज भी साफ बता रहा था कि वे इस कारण कितना निराशहैं।
दरअसल मानगो फ्लाईओवर निर्माण को लेकर कई तरह के पेंच की बात सामने आ रही है। टेंडर भले हो गया हो लेकिन निर्माण कहां से और कैसे शुरु होगा अभी तक यह स्पष्ट नहीं है। जिस डिमना रोड से होकर फ्लावर का निर्माण होना है वहां से टाटा स्टील की पाइपलाइन गुजराती है जो पूरे जमशेदपुर शहर को और टाटा प्लांट को जलापूर्ति करती है। टाटा स्टील पहले ही डिमना रोड पर किसी तरह के स्थाई निर्माण या पार्किंग को यह कहते हुए रोक चुका है कि नीचे से पाइपलाइन है फिर वहां से फ्लावर का निर्माण कैसे होगा यह बड़ा सवाल अभी भी बना हुआ है । ये सारी बातें हो रही हैं लेकिन हकीकत में बात कहां आकर अटक रही इसके बारे में कोई भी कुछ कहने को तैयार नहीं । एक मामला यह भी आ रहा है क्योंकि फ्लावर का एक छोर टाटा लीज क्षेत्र में आ रहा है और वहां का निर्माण कार्य कौन और किस मद में किस बजट से करेगा यह भी एक बड़ा सवाल है।

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