पूर्वी सिंहभूम : देखिए विकास योजनाओं में कैसे कैसे खेल , Special Division और Contract पर नियुक्त MNREGA अभियंता का मेल

Jamshedpur,27 July: नए उपायुक्त को जिला में चलने वाली विकास योजनाओं को बेतरीका हांकने और end point पर उसके पूरा होने के बजाय जैसे तैसे शुरू करा कर कमिशन और अन्य मद में वसूली के खेल को रोकना एक चुनौती भरा काम दिख रहा.
नमूना के तौर पर ग्रामीण कार्य special division के ही क्रिया कलाप की जांच करा लें तो चौकाने वाला खेल सामने आ जाएगा और अनियमितताओं की दिलचस्प कहानी पता चलेगी. ग्रामीण कार्य special division विशेष प्रमंडल को सरकार के ग्रामीण विकास विभाग ने साफ तौर पर मना किया था और आदेश जारी किया था कि ग्रामीण विकास विभाग की बिना अनुमति प्राप्त किए विशेष प्रमंडल ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त किसी भी विभाग की योजना का क्रियान्वयन नहीं करेगा. लेकिन इसके बावजूद जमशेदपुर में विशेष प्रमंडल के अभियंता जिला स्तर पर अन्य विभाग की योजनाओं को भी कार्यान्वित कर रहे है जिसके लिए उस विभाग की जिसकी योजना या फंड है अनुमति भी नहीं ली. एक तरह से योजनाओं की जुबानी high jacking हुई है. जांच का विषय है कि जिला के उन विभागों को पंगु बना कर अनियमित ढंग से सरकार की नाफरमानी करते हुए विशेष प्रमंडल की क्या रुचि और उसके क्रियान्वयन की क्या खासियत है?
जिला योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग के काम, ITDA के तहत जाहेरथान के काम, DMFT आदि मद में लगभग 100 crore के काम विशेष प्रमंडल को सरकारी मनाही के बावजूद मिलने के पीछे क्या खेल है ? क्या ITDA ने विशेष प्रमंडल को जाहेरथान के काम के लिए अधिकृत किया ? जिला योजना की राशि के लिए सरकार की अनेक स्वतंत्र इकाइया हैं जिनके पास अभियंता समेत सभी अवश्यक मशीनरी है लेकिन उनको काम न देकर विशेष प्रमंडल को सौंपने के पीछे क्या मकसद हो सकता है, सब समझते हैं. विशेष प्रमंडल के अभियंता क्या मंत्र मारते हैं कि जिला उनपर मेहरबान हो गया और इस खेल का सूत्रधार कौन है ?

पता चला है कि इस प्रकार के चल रहे खेल में MNREGA में अनुबंध पर नियुक्त एक सहायक अभियंता की बड़ी भूमिका है जो भले सरकारी नियमों की अहर्ता पूरी नहीं करता हो ,लेकिन योजनाओं और फंड को लाने और उसके लिए अघोषित शर्तों को पूरा करने का फनकार हो गया है ? अनुबंध पर नियुक्त इस सहायक अभियंता को NREP, District Board और ITDA में क्लास 2 स्तर के अभियंता का प्रभार मिला हुआ है,जबकि सरकारी अभियंताओं की कोई कमी नहीं . है न आश्चर्य की बात? किस मकसद से किस अधिकारी ने इसे यह प्रभार दिया या दिलाया? यह जानकर सब चक्कर खा जायें कि
आज इस Contractual MNREGA अभियंता की क्या संपन्नता और हैसियत है ,जबकि अनुबंध पर 20 हज़ार से कम उसकी तनख्वाह होगी ? आज इसके पास कितनी बेनामी गाड़ियां होंगी, अंदाज नहीं लगा सकते और किस- किसकी सेवा में यह गाड़ियां लगी हुई हैं, DC जांच कराएं. हाल ही District board के प्रतिनिधियों को लेकर घूम रही जो गाड़ी highway पर दुर्घटनाग्रस्त हुई वह District Board के पास कैसे रहती थी और किसके द्वारा arrange की गयी थी?
नए DC जांच के पहले सिर्फ नजर डाल लें तो विकास के नाम पर विशेष प्रमंडल को हथियार बना कर खेले जा रहे ” खेल ” सामने आ जाएं.

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