ई स्कूटर वितरण में गड़बड़झाला, जमशेदपुर सदर में पदस्थापित एएनएम को मिला लाभ, सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए मुहैया कराई जा रही सुविधा

डुमरिया 29 मार्च ग्रामीण क्षेत्र में आवाजाही में किसी प्रकार की असुविधा ना हो इसके लिए तैयार साहियों और ए एन एम को ई स्कूटर वितरित किया गया है लेकिन इसमें कुछ ऐसे नाम आये हैं जो सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के बजाय शहरी क्षेत्र में पदस्थापित हैं। पूर्वी सिंहभूम जिले के सुदूर प्रखंड डुमरिया सीएचसी की तीन एएनएम और एक सहिया दीदी को इसका लाभ मिला है एक एएनएम के कागजात में त्रुटि बताकर फिलहाल उसे इस लाभ से वंचित कर दिया गया है लेकिन उसका मामला विचाराधीन रखा गया है। जिन 3एएनएम को टाटा स्टील फाउंडेशन और एचएसबीसी की ओर से स्कूटर मिली है उनमें एक नाम की अनुशंसा कैसे और किस आधार पर की गई यह डुमरिया में चर्चा का विषय बना हुआ है।
पता चला है कि एक एएनएम अक्टूबर 2013 से अब तक सदर अस्पताल जमशेदपुर में प्रतिनियुक्ति पर है पदस्थापित पद तो डुमरिया सीएचसी में है लेकिन वे औद्योगिक नगरी जमशेदपुर में सेवाएं देती है । लोगों का कहना है कि वहां आवागमन के साधन और संसाधन की कोई कमी नहीं है सदर अस्पताल आने जाने के लिए अच्छी सडक़ है . ऑटो बस आदि से भी वहां सीधे पहुंचा जा सकता है इसके अलावा दूसरा पहलू यह भी है कि जिस मापदंड के तहत सहिया तथा एएनएम का चयन किया गया है,वह संदेह के घेरे मे है ं उनका नाम किस आधार पर शामिल किया गया यह डुमरिया में चर्चा का विषय है डुमरिया में आज भी ऐसे गांव हैं जहां स्कूटर नहीं पहुंच पाता पैदल जाना पड़ता है सडक़ के नाम पर केवल पगडंडी है स्कूटर देने के मापदंड है कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्र में आवाजाही को आसान करने के लिए सहिया दीदी और एएनएम के लिए यह योजना चालू की गई है ऐसे में एक एएनएम जो जमशेदपुर सदर अस्पताल में सेवा दे रही है उनको इस योजना का लाभ कैसे मिल गया यह एक बड़ा सवाल है।

Share this News...