पूर्वी सिंहभूम सेंट्रल दुर्गा पूजा कमिटी के अध्यक्ष पूर्व मंत्री दुलाल भुइयाँ ने आज कहा कि प्रतिमा विसर्जन पंचांग और तिथि के अनुसार विजया दशमी को ही होना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह हमारी संस्कृति और आध्यात्मिक संस्कार है. इसमें किसी प्रकार का समझौता और आगे पीछे परिवर्तन मंजूर नहीं अर्थात हम 12 अक्टूबर को ही विसर्जन करेंगे. उन्होंने कहा समिति का काम पंडालों और श्रद्धालुओं को सुविधाएं उपलब्ध कराना होना चाहिए, न कि इसकी आड़ में राजनीति करना होना चाहिए. उन्होंने कतिपय उदाहरणों का उल्लेख किया जब पूर्व में समिति को प्लेटफार्म बना कर विवाद खड़ा किया गया और लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काने या आहत करने की कोशिश की गयी. पुनः किसी को ऐसी कोई कोशिश करने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए. प्रशासन के समक्ष जब पहले स्पष्ट चर्चा हो चुकी है कि विसर्जन 12 अक्टूबर को होगा तब उस समय क्यों पंचांग और विसर्जन को महत्व दिया गया. अब उलटफेर के प्रयास के पीछे क्या मंशा है? शास्त्रीय विसर्जन तिथि की अवहेलना करने की अनुमति कहीं से स्वीकार्य नहीं है.
श्री भुइयाँ ने कहा हमारी कमिटी श्रद्धालुओं की सुविधाओं और पंडालों पर सुरक्षात्मक प्रबंधों के लिए प्रतिबद्ध है. ग्रामीण क्षेत्र की पूजा कमिटियों और ग्रामीण श्रद्धालुओं को सुविधायें देने के लिए हम कटिबद्ध हैं. हमारी प्रशासन और कॉर्पोरेट जगत से विनम्र विनती है कि गांव देहात से शहर को जोड़ने वाली सड़कों पर सी एस आर फण्ड से मरम्मत, रौशनी, शौचालय आदि का प्रबंध करें. ग्रामीण भोर 5 बजे से सुबह 5-6 बजे तक पंडाल घूम घूम कर देवी दर्शन करते हैं.उनकी सुविधाओं पर ध्यान देना प्राथमिकता होनी चाहिए.
उन्होंने कहा हमारी समिति ने 28 सितम्बर को घाटशिला के जैन भवन में सभी ग्रामीण क्षेत्र प्रखंड पूजा कमिटियों की बैठक बुलाई है जिसमें उनकी समस्याओं और विसर्जन घाटों पर सुविधाओं को लेकर जरुरी उपायों पर मंथन कर प्रशासन से उन्हें उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जाएगा.