दुमका: पंचायत समिति सदस्यों को 51 माह से मानदेय का भुगतान नहीं
दुमका ( चंदन). सूबे में विकास की गंगा बहाने की बात करने वाली सरकार ने पिछले पांच सालों से पंचायत समिति सदस्यों के मानदेय का भुगतान नहीं किया । अब इनका कार्यकाल खत्म होने को है पर राज्य सरकार ने पांच वर्षों में महज नौ महीने का ही भुगतान
किया है। प्रमुख,उप प्रमुख और मुखिया का मानदेय का भुगतान सरकार कर रही है । झारखंड सरकार पंचायत समिति सदस्य को हर महीने 750/ रू मानदेय देती है। शुरूआत के नौ महीने का ही भुगतान हुआ है। सरकार भाजपा की हो या यूपीए की सभी ने पंचायत समिति सदस्यों को निराश ही किया । इस मामले में प्रखंड में विकास पदाधिकारी राजेश कुमार सिन्हा ने जिला पंचायतीराज पदाधिकारी रजत अमित कुमार कच्छप को पंचायत समिति सदस्यों की बैठक के बाद आवंटन उपलब्ध कराने को लेकर एक पत्र भी लिखा है जिसपर अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। 10 महीने के कोरोना काल में पंचायत समिति सदस्यों ने अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए जरूरतमंदों के बीच राहत सामग्री वितरित करने का काम किया । चाहे जिला प्रशासन द्वारा राहत शिविरों में हिस्सा लेने का हो या फिर सदस्यों के घर पर आया कोई जरुरत मंद खली नहीं लौटा। कई पंचायत समिति सदस्य ने तो पूरे कोरोनावायरस काल में अपने पाॅकेट से खर्च कर गरीबों को भोजन, मास्क और सेनिटाइजर बांटा। इस मामले को लेकर प्रमुख सह पंचायत समिति सदस्यों ने विधायक बसंत सोरेन से मिल कर 51 महीने के भुगतान की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा था ।इस पर भी कोई नतीजा नहीं निकला। इसे लेकर सदस्यों में असंतोष है।वे आंदोलन शुरू कर सकते हैं।