Dumka,5 Feb: ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के लिपिक दीप कुमार श्रीवास्तव हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया । शनिवार को आयोजित प्रेस वार्ता में साइबर उपाधीक्षक शिवेन्द्र कुमार और पु नि सह थाना प्रभारी देवव्रत पोद्दार ने बताया कि रसिकपुर के रहने वाले संतोष महतो ने 31 जनवरी को अपने घर में पार्टी रखी थी। पार्टी में दीप और संतोष के अलावा कुछ अन्य लोग शामिल हुए थे। देर रात तक खाने पीने का दौर चला। संतोष ने अभी तक पूछताछ में स्वीकार किया है कि शराब पीने के बाद गिर जाने की वजह से दीप घायल हो गया था। उसका एक निजी क्लीनिक में इलाज कराया। घर लाने के क्रम में उसकी मौत हो गई। डर की वजह से शव को घर से कुछ दूर छोड़कर फरार हो गया। शव के पास बैण्डेज भी पाया गया था। पुलिस को दीप के मोबाइल के बारे में कोई सुराग हाथ लगा है ।दीप का मोबाइल गाड़ी में गिर गया था जिसे संतोष ने बडा बांध में फेंक दिया जिसकी तलाश 5 फरवरी की सुबह से ही पुलिस गोताखोरों की मदद से कर रही है । पुलिस को दीप की पत्नी ने बताया था कि अंतिम बार जब दीप से बात हुई तो वे किसी संतोष नाम के व्यक्ति के साथ थे । तब से पुलिस संतोष की तलाश में थी । पुलिस ने संतोष को हिरासत में ले लिया है।संतोष महतो ठेकेदार है । उसका कहना है कि उसने दीप की हत्या नहीं की है, बल्कि एक हादसे में उसकी मौत हुई है। अबतक की जांच में पता चला है कि दीप कुमार श्रीवास्तव 31 जनवरी की रात संतोष के घर में बैठ कर शराब पी रहा था ।शराब का सेवन के क्रम में ही लुढ़क कर गिर गया ।उसके बाद दीप का इलाज निशा मेडिकल दुधानी में फईम अंसारी से कराया गया लेकिन हालत में सुधार ना होते देख संतोष और उनके साथी ने डैगालपाडा स्थित दीप के मकान के सामने गाड़ी से लाकर उसे फेक दिया। 01 फरवरी की सुबह डंगालपाड़ा में घर से कुछ दूरी पर दीप श्रीवास्तव का शव बरामद होने के बाद पुलिस ने अनुसंधान शुरू किया। यही बात सामने आ रही थी कि दीप 31 जनवरी की शाम किसी संतोष नामक व्यक्ति के साथ गया था। पुलिस को छानबीन में पता चला कि संतोष विभाग में ठेकेदार है और उसकी दीप से अच्छी दोस्ती है। पुलिस के अनुसार इन सभी के द्वारा लापरवाही एवं साक्ष्य छुपाने का अपराध किया गया है ।संतोष कुमार महतो, सुरज शर्मा, बिक्की शर्मा, अशोक मिस्त्री और कृष्ण कुमार को इस मामले में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। कांड के उद्भेदन में एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी, नगर थाना प्रभारी देवब्रत पोद्दार, साइबर डीएसपी शिवेंद्र कुमार, अनुसंधान कर्ता कौशलेंद्र कुमार, पुलिस अवर निरीक्षक जीतेन्द्र साहू , गंगाधर सिंह, अजित कुमार, नित्यानंद भोक्ता , हवलदार राणा पासवान और विनय मिश्रा की प्रमुख भूमिका रही।