दुमका , उपराजधानी दुमका में अटल बिहारी वाजपेई बस पड़ाव पर आदिवासी युवक के साथ मारपीट का मामला अब तूल पकड़ लिया है। इधर इस घटना के बाद बस कर्मी भी अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। दो पक्षों की लड़ाई में अब पुलिस के लिए एक तरफ कुआं और दूसरी तरफ खाई की स्थिति उत्पन्न हो गई है। यहां बताते चलें कि सोमवार को बस स्टैंड में एक आदिवासी युवक के साथ मारपीट का आरोप बस कर्मचारी पर लगाया गया था और इस बात को लेकर युवकों ने बस स्टैंड पर जमकर बवाल काटा। यहां तक की विश्वकर्मा पूजा के उपलक्ष्य में बनाए गए भंडारे के प्रसाद को भी नष्ट करने का आरोप प्रदर्शन कर रहे युवकों पर लगा, इसके बाद बस कर्मी का ग़ुस्सा भी सातवें आसमान पर पहुंच गया। पुलिस को जैसे ही जानकारी मिली एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी पुलिस बल के साथ पहुंचे और मामले को शांत कराने का प्रयास किया पर आदिवासी युवकों ने पुलिस के साथ भी धक्का मुक्की किया जिससे कि पुलिस भी सख्त हुई और तीन युवकों को हिरासत में लिया। लेकिन मामला थमने की बजाय और बिगड़ गया। प्रदर्शन कर रहे युवकों ने थाने को घेर कर साथी को छोड़ने की मांग करते हुए नारे लगाने लगे। अंत में पुलिस को गिरफतार किए गए युवकों को छोड़ना पड़ा। हिरासत में लिए गए युवकों के छुटते ही प्रदर्शकारी इसे अपनी जीत समझते हुए खूब नारेबाजी की।
अब बस कर्मियों की बारी आई, माहौल को शांत कराने के प्रयास में पुलिस ने जिस बस कर्मी को हिरासत में लिया था उसे छोड़ने की मांग करते हुए थाना परिसर में ही बस कर्मी हड़ताल पर बैठ गए। माहौल गर्म न हो पुलिस बस कर्मी को भी छोड़ दिया। इधर सुरक्षा की मांग करते हुए अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे बस कर्मियों से वार्ता के लिए मंगलवार को अनुमंडल पदाधिकारी कौशल कुमार, पुलिस उपाधीक्षक विजय कुमार, एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी वार्ता करने के लिए पहुंचे और बस स्टैंड में स्थायी रूप से पुलिस पोस्ट और सीसीटीवी कैमरे लगाने का आश्वासन दिया। इधर बस कर्मियों ने कहा कि तीन आदिवासी युवकों द्वारा ही इस तरह की घटना को अंजाम दिया जाता है। जिसपर सख्त कार्रवाई की जरूरत है । इधर प्रशासन के वार्ता के बाद बस का परिचालन शुरू कर दिया गया है।