Dhanbad,8 March.देश की अनेक महिलाओं ने अलग-अलग क्षेत्रों में कीर्तिमान रचा है । इनमें अनेक झारखंड आई भी हैं ,लेकिन झारखंड राज्य की स्थापना की पश्चात किसी एक प्रवासी भारतीय महिला का जिक्र करना हो तो लंदन निवासी डॉक्टर परिन सोमानी का उल्लेख करना प्रासंगिक है।
डॉ परिन सोमानी अपनी पुत्री फरिन सोमानी के साथ 25 फरवरी से 28 फरवरी तक धनबाद प्रवास पर थीं। मूल रूप से गुजरात प्रांत की रहने वाली डॉ परिन सोमानी अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर की हैसियत से लगभग 100 देशों की यात्रा कर चुकी हैं। अनेक देशों में गरीबों के उत्थान कार्यक्रम से भी वे जुड़ी हैं। अपनी मिट्टी से जुड़ाव के कारण वे मातृभूमि भारत आती रहती हैं, मगर झारखंड राज्य, खासकर धनबाद में उनकी यह पहली यात्रा थी। धनबाद के बारे में उन्हें विशेष जानकारी नहीं थी। जो थी वह भी अच्छी नहीं थी। झारखंड की छवि को लेकर भी उन्हें भ्रामक सूचनाएं थी।
चार विषयों में डाॅक्टरेट, 11 पुस्तकों की लेखिका , चार विश्वविद्यालयों से जुड़ी,दो दर्जन से अधिक अंतरराष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित परिन सोमानी का धनबाद आने का मूल मकसद यहां के गुलगुलिया समुदाय के लोगों से मिलना था। साथ ही झारखंड के धनबाद जैसे औद्योगिकरण और शहरीकरण के झंझावात में आदिवासी जीवन-शैली को जानना समझना भी था। धनबाद के ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों से भी मिलना एक प्रमुख उद्देश्य था।
धनबाद के विषय में उनकी उत्सुकता धनबाद की ही एक बेटी प्रीति पूजा के कारण जगी। पेशा से पत्रकार और लेखिका प्रीति पूजा दिल्ली में रहती हैं। अपने कार्यों के सिलसिले में वे लंदन जाती रहती हैं। 2019 के अक्टूबर में उनका व्याख्यान ब्रिटिश पार्लियामेंट के भवन तथा इंडिया हाउस में था। वहां उन्होंने अपनी जन्मभूमि धनबाद का जिक्र किया। शहर की संपन्नता के साथ – साथ यहां के गुलगुलिया समुदाय, आदिवासी समुदाय, ग्रामीण समुदाय तथा भू- गर्भीय अग्नि प्रभावित कोलियरी क्षेत्रों का भी उल्लेख किया। इसके पश्चात ही डॉ परिन सोमानी ने धनबाद आने का निश्चय किया। कोरोना काल के कारण 2020 में यह यात्रा संभव नहीं हो सकी। 2021 के फरवरी में वे जब धनबाद आयीं तो उनके साथ उनकी पुत्री फरिन भी आईं। फरिन का अपने मूल देश भारत का पहला दौरा था। प्रीति पूजा भी साथ में आईं थीं।
कोरोना के कारण गुलगुलिया बस्ती में परिन सोमानी को ले जाने पर प्रीति पूजा को घबड़ाहट हो रही थी। सुखद आश्चर्य हुआ कि परिन सोमानी उनकी बस्ती में गयीं और उनके बीच बैठीं। इसी तरह धनबाद के दामोदरपुर स्थित आदिवासी बस्ती में आदिवासी महिलाओं के साथ नृत्य किया। मोटे चावल का भात – साग खाया। महिलाओं ने उन्हें साड़ी भेंट की। आमटाल गांव के एक विद्यालय में छात्र-छात्राओं के संग देर तक रहीं। वहां अपने संबोधन में कहा कि अपनी मातृभूमि से हमेशा जुड़ा रहना चाहिए। गर्व की बात है , “भारत का कद विश्व में बढ़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैश्विक नेता के रूप में स्थापित हुए हैं। कोरोना ने मानव को मानव से प्रेम करना सिखाया। भारत में वैक्सीन बनाने से इसकी छवि निखर गयी है । आज भारत अनेक देशों को कोरोना के इलाज में मदद भी कर रहा है। देश – विदेश में रहने वाले सभी भारतीय गर्वान्वित हुए हैं।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने गुलगुलिया समुदाय की स्थिति को मानव समाज के लिए चिंता का कारण कहा। उनके लिए वे एक ठोस कार्यक्रम करने पर विचार करेंगी। इस समुदाय में निरक्षरता और बच्चों द्वारा भिक्षावृत्ति एक कलंक है। गुलगुलिया महिलाएं अनहाइजेनिक जिन्दगी जी रही हैं।इस बीच उन्होंने एक बेसहारा युवा विधवा बेबिया गुलगुलिया और उसके बच्चों के लिए एक माह तक का चावल की व्यवस्था की ।
धनबाद के जनप्रतिनिधियों से वे प्रभावित थीं। सांसद पी. एन.सिंह को फादर फिगर कहा। धनबाद विधायक राज सिन्हा को आदर्श जनप्रतिनिधि कहा। वस्तुतः राज सिन्हा ने उनका आतिथ्य ही किया। धनबाद का वेडलाॅक रिजाॅर्ट , धनबाद क्लब आदि के कारण उन्होंने कहा कि धनबाद वैश्विक आयोजन के लिए भी उचित स्थल है। समयाभाव के कारण आई एस एम , सीम्फर, औद्योगिक संस्थानों के लोगों एवं काॅलेज की लड़कियों से नहीं मिलने का मलाल था।
परिन सोमानी को सांसद पी. एन. सिंह और विधायक राज सिन्हा ने सम्मानित किया। एक सादे समारोह में एशियन जालान अस्पताल एवं जीवन रेखा ट्रस्ट ने भी डॉ परिन सोमानी को सम्मानित किया। ट्रस्ट के सचिव राजीव शर्मा ने उन्हें सम्मान दिया।