अमर्यादित भाषा और गाली गलौज के लिए डॉ ओ पी आनंद ने मांगी माफी, लेकिन मीडिया पर्सन को दोषी ठहराया Adityapur,17 May:आदित्यपुर स्थित 111 सेव लाइफ अस्पताल के संचालक डॉक्टर ओ पी आनंद ने सरायकेला सिविल सर्जन द्वारा जांच पर की गई अपनी अमर्यादित टिप्पणी के लिए माफी मांगी है । इस संबंध मे एक वीडियो संदेश जारी कर डॉक्टर आनंद ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने विगत 15 मई को अस्पताल में एक एक बिदुओं की जाँच की । जाँच टीम को पूरा सहयोग भी किया गया जो जाँच टीम के minutes मे भी उल्लिखित है । जबकि कोरोना महामारी के समय अस्पताल की पूरी टीम तत्परता के साथ स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के काम मे लगी हुई थी और टीम के visit के दौरान भी अस्पताल मे दो कोरोना संक्रमितो को वेंटिलेटर पर सेवा उपलब्ध कराई जा रही थी इसी क्रम मे जाँच के दौरान बार बार टीम के द्वारा मुझे परेशान करने की वजह से मैं झल्ला गया था । मुझे अस्पताल मे भर्ती मरीजों की भी चिंता थी । इसी झल्लाहट में वह अमर्यादित टिप्पणी कर बैठे जो एक चिकित्सक के नाते मुझे नहीं करना चाहिए था ।अपनी इस गलती के लिए मुझे खेद है और इसके लिए मैं सार्वजनिक रूप से माफी मांगता हूँ। मुझे इस बात का तत्काल अहसास हो गया था और मैंने मेरा वीडियो शूट कर रहे व्यक्ति से उसी समय उसे एडिट कर हटाने को कहा लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और उसे वायरल कर दिया।
उल्लेखनीय है कि प्रभारी सिविल सर्जन , सरायकेला खरसावां की लिखित शिकायत पर आर आई टी थाना में डॉ आनंद के इस गैरजिम्मेदाराना वक्तव्य और एक्शन पर आई पी सी की धाराओं 188, 341,323,353,504,506 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस घटना के बाद राजनीति भी गर्म हो गयी है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह अमर्यादित आचरण स्वीकार्य नहीं है तो भाजपाइयों ने ताल ठोक दिया है कि नर्सिंग होम वालों के साथ चल रहे दोहन के खेल का यह नतीजा है जब किसी का गुस्सा इतना जोर से फूटा। आम धारणा बन रही है कि स्वास्थ्य महकमा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, खास कर इस कोविड में भी पैसा उगाही पर जोर लगा हुआ है। ड्रग इंस्पेक्टर से लेकर ऊपर तक तंत्र के लोग इस महामारी में भी मानवता को भूल गए हैं । आम लोगों को जान बचाने के लिए आज पैसा नहीं दिख रहा और जैसे भी हो एक बेड और दवाओं , ऑक्सीजन के लिए वे कहीं से भी कितना भी पैसा फेंकने के लिए तैयार हो जा रहे हैं जिस कारण अमानवीय ढंग से उनका दोहन हो रहा है।