Breaking news : 111 सेव लाइफ अस्पताल के संचालक डॉ ओ पी आनंद को आज शाम उनके घर से गिरफ्तार कर लेने की खबर है. विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरआई टी थाना में प्रभारी सिविल सर्जन द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में जांच के उपरांत यह गिरफ्तारी की गई. गिरफ्तारी या हिरासत में लेने के संबंध में पुलिस प्रशासन द्वारा कुछ नही बताया जा रहा है. यह मामला काफी चर्चित हो रहा है. आज शाम ही विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री के नाम लिखी चि_ी प्रेस को जारी की जिसमे उन्होंने अस्पताल पर प्रशासनिक जांच के बजाए क्लीनिकल जांच करने का सुझाव दिया है और कहा है कि डॉ आनंद ने अपने कृत्य के लिए माफी मांग ली तब विषय का पटाक्षेप होना चाहिए, बावजूद अगर स्वास्थ्य मंत्री इससे संतुष्ट नहीं हों तब कानूनी प्रावधानों के तहत विधि सम्मत कार्रवाई कराते, न कि अस्पताल को बंद करने की नौबत पैदा होने देते. स्वास्थ्य मंत्री के सूत्रों का कहना है कि पूरी कार्रवाई में उनकी ओर से कुछ नहीं किया जा रहा, जो भी कार्रवाई हो रही है वह स्वास्थ्य विभाग के कायदे से हो रही है.
संभावना है कि देर रात डा. आनंद को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर जेल भेजने की कार्रवाई की जा सकती है. उनके विरुद्ध आईपीसी की धाराओं 188/341/323/353/504/506 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इस अस्पताल को मोमेंटम झारखंड में काफी वाहवाही मिली. देवघर में आयोजित समिट में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अस्पताल के जामडीह, सरायकेला में 16 एकड़ में बननेवाले पारा मेडिकल एवं नर्सिंग कॉलेज का शिलान्यास किया था. सरकार ने उक्त 16 एकड़ जमीन इस अस्पताल को उपलब्ध कराई थी. मुख्यमंत्री ने झारखंड की इनवेस्टमेंट प्रोफाइल पत्रिका का जिक्र करते हुए बताया था कि 111 सेव लाइव अस्पताल को पहला स्थान दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अस्पताल ने सरकारी योजनाओं को आदिवासी व ग्रामीण योजनाओं के बीच बेहतर ढंग से पहुंचाया है. तत्कालीन मुख्यमंत्री ने डा. आनंद के विजन की भी प्रशंसा की थी.
यह अस्पताल आयुष्मान भारत योजना में कतिपय अनियमितताओं के चलते पहले भी कार्रवाई झेल चुका है. अस्पताल प्रबंधन ने स्वीकार किया कि उसे एनएबीएच का एक्रिडिएशन नहीं है फिर भी वहां आईसीयू फैसिलिटी के साथ अस्पताल चलाने का विज्ञापन प्रसारित होता था. अस्पताल पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी हुआ था. अस्पताल के विज्ञापन में दावा किया गया था कि यहां कोरोना का सबसे ताकतवर इलाज होता है और प्रतिदिन एक लाख रुपये के पैकेज पर तीन बेड का कोरोना क्रिटिकल केयर यूनिट भी स्थापित किया गया है. वर्तमान विवाद के बाद अस्पताल संचालन से जुड़ी बातें प्याज की छिलके की तरह एक एक कर उभर रही है.