साहित्य की साधना चलते रहने से शहर का साहित्यिक वातावरण समृद्ध होता है : मंजु ठाकुर
जमशेदपुर, 9 अक्टूबर (रिपोर्टर) : डॉक्टर कल्याणी कबीर के दूसरे काव्य संग्रह मन की पगडंडी का विमोचन आज श्री कृष्णा सिन्हा संस्थान में हुआ। कार्यक्रम का आरंभ मां सरस्वती की तस्वीर पर माल्यार्पण कर और दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में सरस्वती वंदना शहर की कवयित्री निवेदिता श्रीवास्तव ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष कोल्हान विश्वविद्यालय और संस्कार भारती की अध्यक्षा डॉ रागिनी भूषण। बतौर मुख्य अतिथि स्वदेशी जागरण मंच की सदस्य मंजू ठाकुर, विशिष्ट अतिथि कवि श्यामल सुमन, जाने-माने गजलकार शैलेंद्र पांडे शैल और डॉ कल्याणी कबीर के पिता किशोर कुमार उपस्थित थे। अतिथियों का अंग वस्त्र और प्रतीक चिन्ह भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। मुख्य अतिथि मंजू ठाकुर ने कहा कि साहित्य की साधना चलती रहनी चाहिए इससे ही किसी भी शहर का साहित्यिक वातावरण समृद्ध होता है। कवि श्यामल सुमन ने कहा कि डॉ कल्याणी कबीर की कविताओं में सवाल पूछने का साहस है। गजलकार शैलेंद्र पांडे शैल ने कहा कि डॉ कल्याणी कबीर की रचना गीली धूप अब मन की पगडंडी पर निकल चुकी है। अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ रागिनी भूषण ने कहा कि डॉ कल्याणी कबीर ने मन की पगडंडी काव्य संग्रह में मन की सभी संवेदनाएँ प्रतिध्वनित होती हैं। श्री किशोर जी ने कहा कि कविताएँ स्थिति और परिस्थितियों का परिणाम होती हैं। डॉ कल्याणी कबीर ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में कविताएं सिर्फ मनोरंजन की वस्तु ना होकर राष्ट्रप्रेम का अलख जगाएँ तो ही इसकी सार्थकता है। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अनीता शर्मा एवं स्वागत भाषण हास्य और व्यंग्य के कवि दीपक वर्मा व धन्यवाद ज्ञापन कवि संतोष कुमार चौबे ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में चंद्राणी मिश्रा,अभिलाषा कुमारी, आरती शर्मा, सागर चौबे, सौम्या मिश्रा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।