अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का नाम एक बार फिर चर्चा में है। पाकिस्तान के एक अस्पताल में इलाज के दौरान दाऊद को जहर दिए जाने की खबरें हैं। कहा जा रहा है कि जहर दिए जाने से दाऊद की मौत हो गई है। दाऊद के रिश्तेदारों को घर में ही नजरबंद किए जाने की भी खबरें हैं। हालांकि, अब तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है। भारत के मोस्ट वांटेड अपराधियों की सूची में दाऊद का नाम शीर्ष पर है। भारत में दाऊद ने किन आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया? क्यों दाऊद का नाम सबसे बड़े गैंगस्टर के रूप में लिया जाता है? किन मामलों में भारत दाऊद को कानून के कठघरे में लाकर तीन दशक से भी अधिक समय से सजा दिलाने का प्रयास कर रहा है? जानिए तमाम सवालों के जवाब
अभी क्यों चर्चा में है दाऊद?
सूत्रों के मुताबिक दाऊद को शुक्रवार को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कड़ी सुरक्षा के बीच भर्ती दाऊद पूरे फ्लोर पर अकेला मरीज था। उसके पास अस्पताल के गिने-चुने लोगों के अलावा परिवार के करीबी लोग ही जा सकते थे। इलाज के दौरान ही उसे जहर दिए जाने की खबर सामने आई है। जहर दिए जाने की रिपोर्ट्स आने के बाद मुंबई पुलिस दाऊद के परिजनों अली शाह पारकर और साजिद वागले से अधिक जानकारी जुटाने के प्रयास कर रही है।
अली दाऊद की बहन हसीना पारकर का बेटा है। इसी साल जनवरी में उसने NIA को बताया था कि दूसरी शादी के बाद दाऊद पाकिस्तानी शहर कराची में रह रहा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के मुताबिक कराची एयरपोर्ट का नियंत्रण दाऊद और उसके करीबी लोगों के पास ही है।
1993 में किया था सबसे बड़े गुनाह
अनगिनत आपराधिक और आतंकी वारदातों को अंजाम दे चुके दाऊद इब्राहिम 1993 में मुंबई में हुए सीरियल बम धमाकों का मास्टरमाइंड है। 2008 में मुंबई में आतंकी हमले में भी दाऊद के शामिल होने का शक जताया जाता है। 2010 में दाऊद ने महाराष्ट्र के एक और शहर पुणे को निशाना बनाया। पुणे जर्मन बेकरी धमाके में भी दाऊद आरोपी है। तीन साल के बाद दाऊद ने क्रिकेट को भी निशाना बनाया। 2013 में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग स्कैंडल में भी दाऊद पर आरोप लगे थे। इसके अलावा इंटरनेशनल ड्रग ट्रैफिकिंग, नकली नोट और हथियारों की तस्करी में भी दाऊद पर गंभीर आरोप लगे हैं।
मुंबई सीरियल ब्लास्ट में कितनी बड़ी भूमिका?
30 साल पहले सीरियल बम ब्लास्ट से देश की आर्थिक राजधानी को दहलाने वाला दाऊद इस मामले का मुख्य आरोपी है। 12 जगहों पर हुए धमाकों में 257 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 700 से अधिक लोग घायल हुए थे। आरोप है कि उसने धमाकों की योजना बनाई और पाकिस्तानी आतंकी संगठन- लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगियों की मदद से धमाकों को अंजाम दिया। विस्फोटक और हथियार सप्लाई किए। घुसपैठियों को ट्रेनिंग दिलाने में भी दाऊद का हाथ रहा। दाऊद ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, एअर इंडिया बिल्डिंग और शिवसेना मुख्यालय को निशाना बनाया था। 1993 में भारत में बड़े पैमाने पर आरडीएक्स और हथियारों की तस्करी दाऊद ने कराई। इनकी मदद से ही मुंबई में सीरियल ब्लास्ट हुआ। अन्य आतंकवादी हमलों में भी इन हथियारों का इस्तेमाल किया गया।