डॉन दाऊद इब्राहिम का करीबी अब्दुल माजिद जमशेदपुर से गिरफ्तार

 

जमशेदपुर 27 दिसंबर संवाददाता गुजरात एंटी टेरर स्क्वॉड (ATS) को एक बड़ी कामयाबी मिली है। गुजरात एटीएस को यह कामयाबी अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के खिलाफ मिली है। दरअसल गुजरात की एटीएस टीम ने दाऊद इब्राहिम के करीबी अब्दुल माजिद कुट्टी को गिरफ्तार किया है। अब्दुल माजिद कुट्टी की गिरफ्तारी मांनगो हुई है। जो सहारा सिटी मांनगो मैं रह रहा था यहां पर वाह अपना नाम मोहम्मद कमाल बता कर रहा था दाऊद के इस करीबी की तलाश पिछले करीब 24 साल से चल रही थी।
मिली जानकारी के मुताबिक, गुजरात एटीएस की एक टीम ने शनिवार को दाऊद इब्राहिम के सहयोगी अब्दुल माजिद कुट्टी को झारखंड के जमशेदपुर से गिरफ्तार किया है। गुजरात एटीएस को मजीद कट्टी की तलाश 1997 में गणतंत्र दिवस के मौके पर गुजरात और महाराष्ट्र में बम विस्फोट करने के लिए 1996 में भेजे गए विस्फोटकों के मामले में थी। उस समय बम ब्लास्ट कराने के लिए विस्फोटक पाकिस्तानी एजेंसी के इशारे पर दाऊद इब्राहिम ने भेजे थे।
गुजरात एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक, 1996 में अब्दुल माजिद के खिलाफ करीब 106 पिस्तौल, 750 कारतूस और करीब 4 किलो आरडीएक्स जुटाने को लेकर मामला दर्ज किया गया था। पुलिस दाऊद के करीबी की तलाश कर रही थी लेकिन इससे पहले पुलिस माजिद कुट्टी तक पहुंच पाती, वो फरार हो गया। इसके बाद 24 सालों से पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी। जबकि उसके एक साथी को तभी गिरफ्तार कर लिया गया था।
बताया जा रहा है कि अब्दुल माजिद कुट्टी पहचान बदलकर कई साल से झारखंड में रह रहा था। सूत्रों के जरिए इसकी भनक गुजरात एटीएस टीम को लग गई।एटीएस अधिकारियों ने बताया कि हमें जानकारी मिली थी कि अब्दुल माजिद झारखंड में छिपा है। जिसके बाद एक स्पेशल टीम को उसे गिरफ्तार करने के लिए झारखंड भेजा गया था। टीम में माजिद कुट्टी को झारखंड के जमशेदपुर के मानगो चौक से धर दबोचा। दाऊद इब्राहिम के करीबी अब्दुल माजिद की गिरफ्तारी बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इसकी गिरफ्तारी डीएसपी और थानेदार विनय कुमार सिंह नेे की है जो नाम बदलकर पासपोर्ट बनाकर मलेशिया दुबई बैंकॉक समेत कई देशों में रहा है हम सप्लाई का काम कर रहा था इसे चेकिंग के दरमियान फोर्ड गाड़ी सवार था जब पकड़ा गया गहन पूछताछ के बाद इस ने स्वीकार किया कि इसका नाम माजिद है पिता का नाम हारून राशिद है मेहसाना थाना मैंं आर्म्स एक्टऔर विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था वर्ष 96 से ही फरार चल रहा था टीम ने एस एस पी एम तमिल बाणन से भी संपर्क करने के बाद गठित टीम के नेतृत्व में छापामारी कर गिरफ्तार किया एटीएस टीम के समक्ष स्वीकार किया है कि घटना में शामिल था

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