जमशेदपुर 19 अक्टूबर संवाददाता : पुलिस ने डिमना रोड बैंक डकैती और बिष्टुपुर में इस साल के आरंभ में हुए छगनलाल दयालजी द्वारा बैंक में जमा कराये जा रहे रुपयों की लूट के मामले मेेंं बड़ा खुलासा किया है. डकैती के मास्टरमाइंड और उसकी पत्नी समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. पता चला है कि मास्टर माइंड बिहार के एक विश्व विद्यालय से केमेस्ट्री में गोल्ड मेडलिस्ट है। लूट के पैसों को मास्टर माइंड ने काठमांडू के होटल व्यापार में निवेष भी किया और बिहार में प्रोपर्टी खरीदी। पटना के अलावे बोकारो झारखंड में भी इसकी प्रोपर्टी है। गिरफ्तार अपराधियों में बिहार के पटना जिला के बाढ़ थाना क्षेत्र निवासी मास्टरमाइंड राजीव रंजन कुमार उर्फ पप्पू उर्फ मुन्ना उर्फ अमित सिंह उर्फ मैनेजर, उसकी पत्नी निभा कुमारी, जहानाबाद निवासी धर्मेंद्र कुमार, रांची डोरंडा निवासी नीरज बराइली और जहानाबाद निवासी प्रमोद बिंद उर्फ संतोष शामिल है. पुलिस ने सभी आरोपियों को उस वक्त गिरफ्तार किया जब वे लोग देश छोडक़र नेपाल भागने की फिराक में थे. पुलिस ने आरोपियों के पास से एक देसी पिस्टल, तीन देसी कट्टा, 52 गोलियां, 26 चांदी के सिक्के 30,100 रुपये नकद और घटना में प्रयुक्त 2 बाइक भी बरामद किये हैं.
सभी अपराधी भागने वाले थे नेपाल
एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया कि गिरोह ने गत 18 अगस्त को दिनदिहाड़े उलीडीह डिमना रोड स्थित बैंक अॅाफ इंडिया में बंधक बनाकर हथियार के बल पर नकद 33 लाख 68 हजार,890 रुपये व एक करोड़ 12 लाख ,868 रुपये 70 पैसे का सोना (कुल 2.324.76 ग्राम सोना )की डकैती की थी. उन्होंने बताया कि सिटी एसपी के नेत्तृव में टीम का गठन किया गया था. सूचना मिली थी कि सभी अपराधी नेपाल भागने वाले हैं. इस आधार पर पटना पुलिस के सहयोग से गौरीचक थाना बेलदारीचक से प्रमोद बिन्द उर्फ संतोष, धर्मेन्द्र कुमार को पकड़ा गया. वहीं दूसरी ओर राजीव रंजन उर्फ पप्पू सिंह व पत्नी निभा व नीरज को बैरिया बस स्टैन्ड से गिरफ्तार किया गया. निभा के पास से नकद राशि तीस हजार एक सौ रुपये, चांदी के सिक्के, सोने का आभूषण बरामद किए गए हैं. न्यायलय से मिले आदेश पर जब्त कन्टेनर डब्लू बी 15 ए 6027 के केबिन के ऊपर बनाये गये बाक्स से चार हथियार, गोलियां बरामद की गईं.
सरगना का पुराना आपराधिक इतिहास
एसएसपी के अनुसार सरगना राजीव का आपराधिक इतिहास रहा है. वह सोहसराय व समस्तीपुर से जेल जा चुका है. गिरोह के द्वारा देश के बिहार, राजस्थान, ओडिशा, बंगाल समेत अन्य राज्यों में बैंक डैकती की गयी है. गिरोह केवल बैंक डकैती की वारदातों को अंजाम देता है. इसमें कुल 100 सदस्य हैं. उनके द्वारा पूरे देश समेत विदेश में भी बंैक डकैती की जाती है. सरगना राजीव राजस्थान का वान्टेड है. बरामद कन्टेनर का उपयोग बैंक डकैती की घटनाओं में किया जाता है. गिरोह के सभी साथी पकड़े जा चुके हैं. एक फरार है. उसकी गिरफ्तारी के लिये टीम छापामारी कर रही है. गिरोह के दो साथी पटना के बेउर जेल में हैं. दूसरा साथी गया जेल में है. उसे प्रोडक्शन वारंट पर शहर लाया जायेगा. गिरफ्तार नीरज धनबाद बैंक डकैती की घटना में शामिल था. गिरोह के चार साथियों को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है. बैंक के वरीय मैनेजर राहुल कुमार के बयान पर अज्ञात के खिलाफ डकैती का मामला दर्ज किया गया था.
देश के कई शहरों बनाई है संपत्ति
वर्ष 1995 से गिरोह के दवारा देश भर में विभिन्न शहरों में डकैती की घटनाओं को अंजाम दिया गया है. कई बार वे जेल जा चुके हैं. सभी ने काली कमाई से देश भर के कई स्थानों में होटल, कम्पलेक्स व मकान बनाये हैं. झारखंड के बोकारो व पटना में सरगना पप्पू ने सम्पति बनायी है. सभी की सम्पति जब्त की जायेगी . इसकेलिये इडी की मदद ली जाएगी. कुछ गहने निभा ने छिपा दिये हैं. उन्हें बरामद किया जायेगा. बिष्टूपुर के छगनलाल दयाल जी कैश लूट कांड में इस गिरोह का हाथ था. गिरोह घटना को अंजाम देने के बाद कोलकता के तारापीठ गया था. वहां से समस्तीपुर ,पटना अपने अपने घरों को चले गये थे.
पता चला है कि पुलिस ने बैंक डकैती के बाद से ही आसूचनाओं पर काम करना शुरु किया और अपराधियों की सतत निगरानी की। काठमांडू तक उनका पीछा किया गया। काठमांडू से घूमने फिरने के बाद मास्टर माइंड पटना आ गया। पटना में जमशेदपुर पुलिस के अधिकारी लगातार कैंप किये रहे। इस क्रम में दुर्गा पूजा भी उन्होंने पटना का मेला घूमकर मनाया। मास्टरमाइंड की पटना पुलिस को भी तलाश है। संभवत: अब वह इसे इसे रिमांड पर लेगी। छगनलाल और बैंक लूट कांड के पैसों की रिकवरी के लिये पुलिस कानूनी रास्ता अख्तियार करेगी।