Dhanbad Polytechnic : कॉलेज के माफिया शिक्षक ने ही कैसे बिकवा दी पॉलिटेक्निक के लिए अधिग्रहित जमीन, प्राचार्य कहाँ थे, विभाग के कान में तेल और आंख पर पट्टी , होता रहा खेल: अंचल ने भी कर दिया mutation

Dhanbad,5 July : धनबाद पॉलिटेक्निक के लिए अधिग्रहित लगभग 5 एकड़ जमीन को कॉलेज के ही कतिपय माफिया पदाधिकारियों ने पुराने रैयतों के साथ मिलकर बेच डाली है।इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को पूरी जानकारी दी गयी, शिकायत भी भेजी गई लेकिन सब कान में तेल डाले बैठे हैं । बताया जाता है यह बिक्री धंधा 2017 से 2021 के बीच चला। आश्चर्य है कि अंचल कार्यालय द्वारा दाखिल खारिज भी कर दिया गया जबकि पूर्व में इसी अंचल कार्यालय द्वारा दाखिल खारिज को अस्वीकृत कर दिया गया था। हद है उच्च तकनीक शिक्षा के नाम पर ऐसे संस्थानों में ऐसे ऐसे अनैतिक कार्य करने वाले सीना तानकर रहते हैं और ऊपर के अधिकारी भी येन केन प्रकारेण इन्हें शह देते हैं।पॉलिटेक्निक की परिसंपत्ति को बेचने से मन नहीं भरा तब उसकी बाउंडरी को भी तोड़ कर प्राइवेट कॉलोनी के लिए रास्ता दे दिया गया और मूल प्लान को भी अनदेखा करते हुए रास्ता बदल दिया गया। यह सब क्रियाकलाप यूं ही संभव नहीं हुआ। स्वाभाविक है तत्कालीन प्राचार्य पर सवाल उठना लाजिमी है लेकिन ऊपर से नीचे तक के इस भ्रष्ट तंत्र में कहीं कोई रोकने वाला नहीं दिखा। जिस माफिया की अहम भूमिका रही वह पहले से ही पॉलिटेक्निक एडमिशन के लिए गोरखधंधा चलाने के लिए चर्चित है। एक शिक्षक की क्या हैसियत होती है उसकी संपत्ति का आकलन करने पर अंदाज़ लगाया जा सकता है। के पी कैरियर हाउस के बारे में लोग क्या क्या कहते हैं, यह हर बच्चे की जुबान पर रहता है, लेकिन सरकार और विभाग को सुनाई नहीं देता। पॉलिटेक्निक की उक्त जमीन में ही उक्त शिक्षक माफिया ने अपने एक रिश्तेदार के नाम बेनामी भूखंड की खरीदारी की है। हिम्मत और नैतिक पतन की यह पराकाष्ठा है। बताया जाता है कि यहां उक्त कैरीयर हाउस के लिए बिल्डिंग बनाई जाएगी। कोरोना अवधि में जब सभी कॉलेज में होस्टल बंद कर दिए गए , पॉलीटेकनिक का होस्टल संख्या 4 लगातार खुला रहा। क्यों? ताकि छात्रों को कोचिंग के धंधे से जोड़ा जा सके।

Share this News...