पूर्व विधायक संजीव सिंह को दुमका भेजे जाने के विरोध में हुआ भाजपाइयों का जुटान,रागिनी ने अपनी ताकत का पूर्णिमा को कराया अहसास
Dhanbad,26 feb. कोयला माफिया- मज़दूर मसीह आदि शब्दों से चर्चित दिवंगत सूर्य देव सिंह का परिवार खंड खंड हो कर आपस मे ही शक्ति प्रदर्शन पर पिछले कुछ वर्षों से उतरा हुआ है। सूर्यदेव सिंह जब तक रहे उनके इशारे पर सभी भाई चाहे बच्चा सिंह हों या राजन सिंह या रामाधीर सब चलते रहे लेकिंन उनकी मृत्यु के बाद यह परिवार टुकड़ों में बंट गया और कोल्फील्ड पर वर्चस्व की लड़ाई में आपस में ही मार काट और जोर आजमाइश में भिड़ गया। सूर्यदेव सिंह के दूसरे पुत्र और झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह जो अपने चचेरे भाई नीरज सिंह की हत्या के आरोप में धनबाद जेल में बंद थे उन्हें धनबाद जेल से दुमका जेल भेजे जाने के लिए परिवार के भीतर से ही साजिश की रचना कर दी गयी । एक बहु रानी भाजपा तो दूसरी कांग्रेस के झंडे तले राजनीति में आकर सिंह मेन्शन में दबी आह को उजागर करने लगीं। संजीव सिंह को दुमका भेजे जाने के विरोध में कल धरना में लगभग बीजेपी की ग्रामीण व शहरी कमेटियां एक साथ आई। पूर्व विधायक को दुमका सेंट्रल जेल स्थानांतरित करने के विरोध में गुरुवार को धनबाद बीजेपी की ओर से रणधीर वर्मा चौक पर महाधरना का आयोजन किया गया। धरना में बड़ी संख्या में भाजपाई शामिल हुए। इस महाधरना में विभिन्न धड़ों में बंटी धनबाद भाजपा एकजुट दिखाई दी।धरना में बीजेपी के साथ-साथ जनता मजदूर संघ (कुंती गुट) की अहम भागीदारी रही। धरना में विधायक राज सिन्हा, पूर्व एमएलए कुंती देवी, निवर्तमान मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल, भाजपा नेता सत्येंद्र कुमार, बीजेपी के शहरी अध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह, ग्रामीण जिला अध्यक्ष ज्ञानरंजन सिन्हा, रागिनी सिंह व सिद्धार्थ गौतम समेत अन्य दिग्गज मौजूद थे।
रणधीर वर्मा चौक पर महाधरना में धनबाद जिला ग्रामीण भाजपा और धनबाद महानगर दोनों ही कमेटियों के पदाधिकारी एवं अध्यक्ष अपने समर्थकों कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचे थे। सभी कोलियरियों के जेएमएस कार्यकर्ता सहित सिंह मेंशन समर्थकों का भी जुटान हुआ था। भीड़ के कारण रोड जाम हो गया था। कई प्रमुख नेताओं को मंच पर जगह नहीं मिली।
संजीव को दुमका भेजे जाने की निंदा और धनबाद लाने की मांग प्रायः सभी नेताओं और वक्ताओं ने की।
महाधरना में जेएन सिंह धर्मपुरी,प्रियंका पाल, गीता सिंह, मानस प्रसून, संजय झा, नितिन भट्ट, मुकेश पांडेय, उमेश यादव, श्रवण राय, विरेंद्र हंसदा समेत अन्य मौजूद थे। हाल ही में झरिया से भाजपा छोड़कर गये और फिर लौटे तमाम कार्यकर्ता जुलूस में शामिल दिखे। सभी ने एकमत से संजीव सिंह को दुमका भेजे जाने की निंदा की और उन्हें जल्द से जल्द धनबाद लाने की मांग की। कहा कि यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। बीजेपी ने झरिया की कांग्रेस एमएलए पूर्णिमा नीरज सिंह के दबाव पर संजीव को दुमका शिफ्ट करने का आरोप लगाया है। इसके विरोध में गुरुवार को महाधरना का आयोजन किया गया । इसमें बड़ी संख्या में भाजपा के नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। भारी जनसमूह जुटाकर रागिनी सिंह ने कांग्रेस विधायक और दिवंगत नीरज सिंह की धर्म पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह को अपनी राजनीतिक ताकत का भी अहसास कराया। पूर्णिमा नीरज ने झरिया सीट पिछले चुनाव में जीत लिया है जिस पर संजीव सिंह और उसके पहले उनकी माँ कुंती सिंह और उससे पहले सूर्यदेव सिंह का कब्ज़ा रहा। पूर्णिमा दिवंगत नीरज की पत्नी और रागिनी पूर्व विधायक संजीव सिंह की पत्नी है। दिवंगत नीरज सूर्यदेव सिंह अनुज राजन सिंह के पुत्र थे।उनकी हत्या सिंह मेन्शन के निकट ही बड़े नाटकीय अंदाज़ में कर दी गयी जिसमे संजीव सिंह का हाथ आरोपित है। दुमका जेल भेजा जाना मतलब धनबाद नेटवर्क से नजदीकी जेल संपर्क दूर करना माना जाता है।बच्चा सिंह को भी संजीव के विरोध में ही देखा जाता है।यह परिवार आज राजघराने की राजनीति palatial clique का नमूना बन गया है जहां माता कुंती लाचार हो गयी हैं और नया जनरेशन अपनी महत्वाकांक्षाओं के वशीभूत होकर अपना अपना बथान बनाये हुए चल रहा जिसे बाहर भीतर के लोग हवा दे देकर ताली पीट रहे हैं। धनबाद कोयलांचल पहले दो खास जाति समूहों के वर्चस्व की लड़ाई में हिंसा का मूक द्रष्टा बनता था और आज परिवार की लड़ाई का नजारा देख रहा है कि कैसे युग बदलता है और कैसे समय पलटा खाकर सब कामों का यहीं सब हिसाब करने लगता है