New Delhi,18 April : CBI ने आज खान सुरक्षा महानिदेशालय (DGMS) के डिप्टी डायरेक्टर जेनरल अरविन्द कुमार एवं उनके लिए दलाली करने वाले व्यक्तियों कैलाश मंडल, त्रिलोकी नाथ सिंह एवं अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया और 35 लाख रुपये जब्त किए. सीबीआई ने अपना जाल फेंक कर 35 लाख रुपये का लेनदेन करते हुए अभियुक्तों को गिरफ्तार किया. इस संबंध में सीबीआई ने लखीसराय, धनबाद, रांची, नागपुर, उदयपुर, शाहडोल, हैदराबाद एवं विलासपुर स्थित 12 ठिकानों पर छापामारी कर कई आपत्तिजनक सामग्रियां बरामद की.
सीबीआई द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि डीजीएमएस द्वारा संचालित मैनेजर सर्टिफिकेट आफ कम्पीटेंसी संबंधी परीक्षा में उम्मीदवारों के साक्षात्कार में उन्हें पास कराने के लिए भारी रकम के लेनदेन की तैयारी की गई थी. कंप्यूटर आधारित परीक्षा में डिप्टी डायरेक्टर जेनरल (सेंट्रल जोन) कार्यालय से 48 उम्मीदवारों का चयन किया गया था जिनके लिए साक्षात्कार होना था. प्रत्येक उम्मीदवार से 1.50 लाख रुपये के हिसाब से 72 लाख रुपये वसूलने का सौदा तय हुआ था. यह रकम दो किस्तों में ली जानी थी जो उक्त दलाल डिप्टी डायरेक्टर जेनरल अरिवन्द कुमार के लिए प्राप्त करने वाले थे. इन दलालों में लखीसराय के रहने वाले उनके संबंधी भी थे. 35 लाख रुपये की पहली किस्त की जब लेनदेन हो रही थी तब सीबीआई ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया. मौखिक परीक्षा 8 मार्च से 20 मार्च तक संपादित की गई थी.
खदानों में सुरक्षा के लिए डीजीएमएस देश की सबसे बड़ी संवैधानिक संस्था है जिसके निरीक्षण के आधार पर ही खानों में सुरक्षा के मापदंड तय किये जाते हैं. डीजीएमएस उनका अनुपालन सुनिश्चित कराता है. धनबाद में इसका विशाल मुख्यालय है. धनबाद की कोयला खदानों के अलावे देश के अन्य भागों में अवस्थित सभी प्रकार के खनिजों की खदानों के संचालन में डीजीएमएस का अहम रोल होता है. इस संस्था पर भ्रष्टाचार के आरोप अक्सर लगते रहते हैं. आरंभिक दिनों में खान मालिकों के बीच डीजीएमएस नाम का खौफ रहता था. जो धीरे-धीरे अपनी चमक खोता जा रहा है.